चीन की जोरदार मांग निकलने पर जीरा में पुनः तेजी आने के आसार
24-Apr-2025 07:21 PM

मुम्बई। हालांकि खाड़ी क्षेत्र के देशों के साथ कुछ अन्य बाजारों में भारतीय जीरे की छिटपुट मांग बनी हुई है। मगर चीन के खरीदार अभी तक इसकी खरीद के लिए पूरी तरह सक्रिय नहीं हुए हैं।
इसके फलस्वरूप जीरा के घरेलू बाजार भाव में सीमित तेजी-मंदी का माहौल बना हुआ है। भारत इस समय वैश्विक बाजार में जीरा का एक मात्र प्रमुख आपूर्तिकर्ता देश बना हुआ है।
अन्य उत्पादक-निर्यातक देशों- तुर्की, सीरिया, ईरान एवं अफगानिस्तान में जीरे की नई फसल जून-जुलाई में आने वाली है। चीन में जीरा का स्टॉक घटने लगा है जबकि स्थानीय फसल अभी काफी दूर है।
भारत में जीरा का उत्पादन 2024-25 के सीजन में सामान्य होने की उम्मीद है जबकि 2023-24 के सीजन के दौरान इसमें अप्रत्याशित बढ़ोत्तरी दर्ज की गई थी।
2023 की तुलना में 2024 के दौरान गुजरात में जीरा का बिजाई क्षेत्र 15 प्रतिशत घटकर 4.77 लाख हेक्टेयर के करीब रह गया और राजस्थान में भी बिजाई कुछ पीछे रह गई।
वैसे मौसम की हालत अनुकूल होने से इस बार जीरा की औसत उपज दर एवं क्वालिटी में कुछ सुधार आया है लेकिन निर्यात मांग एवं कीमत में अपेक्षित इजाफा नहीं हुआ है। निर्यातकों की सक्रियता कम देखी जा रही है।
गुजरात की बेंचमार्क ऊंझा मंडी में जीरे की औसत दैनिक आवक 35 से 45 हजार बोरी के बीच हो रही है और सामान्य कारोबार के साथ इसकी कीमतों में सीमित उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक 2023-24 के मुकाबले 2024-25 के वित्त वर्ष में जीरा का निर्यात प्रदर्शन काफी अच्छा रहा और इसकी कुल मात्रा बढ़कर 2 लाख टन की सीमा को पार कर जाने का अनुमान है।
चालू वित्त वर्ष में भी इसका निर्यात काफी हद तक सन्तोषजनक रहने की उम्मीद है क्योंकि सीरिया में अशांति है और तुर्की में पिछला स्टॉक लगभग समाप्त हो चुका है।
चीन में आयातित माल का थोड़ा-बहुत स्टॉक बचा हुआ है इसलिए चाइनीज आयातक कुछ समय से निष्क्रिय हैं। लेकिन जल्दी ही उसकी सक्रियता बढ़ने की उम्मीद है और तब भारतीय जीरे के बाजार में कुछ तेजी आ सकती है।