जोरदार औद्योगिक मांग से मक्का का भाव मजबूत रहने की संभावना

26-Jul-2024 06:26 PM

मुम्बई । हालांकि सामान्य खाद्य उद्देश्य में मक्का की खपत में ज्यादा बढ़ोत्तरी नहीं हो रही है मगर औद्योगिक उपयोग के लिए इसकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है।

पशु आहार एवं पॉल्ट्री फीड के साथ-साथ स्टार्च निर्माण में मक्का की विशाल मात्रा का उपयोग पहले से ही हो रही है जबकि अब अनाज आधारित डिस्टीलरीज में एथनॉल उत्पादन के लिए भी मक्का का जोरदार इस्तेमाल होने लगा है।

तेजी से बढ़ती मांग के अनुरूप उत्पादन में इजाफा नहीं होने तथा विदेशों से आयात लगभग ठप्प रहने से मक्का के घरेलू बाजार भाव में आगामी महीनों के दौरान तेजी-मजबूती का सिलसिला बरकरार रहने की उम्मीद है। 

मक्का के आयात पर 50 प्रतिशत का भारी-भरकम सीमा शुल्क लगा हुआ है और देश में केवल गैर जीएम मक्का के आयात की अनुमति है।

इस श्रेणी के मक्का का स्टॉक मुख्यत: यूक्रेन, म्यांमार एवं कुछ अफ्रीकी देशों में रहता है जबकि अमरीका, ब्राजील एवं अर्जेन्टीना जैसे शीर्ष निर्यातक देशों में जीएम मक्का का ही अधिकांश उत्पादन होता है।

उद्योग की मांग पर सरकार ने टैरिफ रेट कोटा प्रणाली के तहत 5 लाख टन गैर जीएम मक्का के आयात की स्वीकृति दी है जिस पर 15 प्रतिशत का रियायती सीमा शुल्क प्रभावी होगा मगर इससे बात नहीं बनने वाली है।

यदि एथनॉल निर्माण के लिए मक्का की जरूरतों को पूरा करना है तो इसके लिए दो विकल्प मौजूद हैं- या तो घरेलू उत्पादन में जोरदार इजाफा किया जाए या फिर विदेशों से इसके शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी जाए।

घरेलू बाजार भाव ऊंचा और तेज होने से भारतीय किसानों को मक्का का उत्पादन बढ़ाने का अच्छा प्रोत्साहन मिल सकता है लेकिन इसके लिए क्षेत्रफल में वृद्धि के बजाए फसल की उपज दर बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जाना आवश्यक है।