ईरान में बासमती चावल का निर्यात बंद होने से धान के दाम पर पड़ेगा असर

10-Sep-2024 08:49 PM

नई दिल्ली । भारतीय बासमती चावल के एक अग्रणी खरीदार- ईरान ने अपने घरेलू किसानों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से तीन माह के लिए विदेशों से चावल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है जो अक्टूबर के अंत तक बरकरार रहने की संभावना है। वैसे यह कोई नई घटना नहीं है बल्कि एक परम्परागत नीति है।

प्रत्येक वर्ष जब ईरान में धान की नई फसल की कटाई-तैयारी शुरू होती है तब वहां तीन-चार महीनों के लिए विदेशों से चावल का आयात रोक दिया जाता है ताकि स्वदेशी किसानों को अपने धान का लाभप्रद मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिल सके। 

इस बार भारत में बासमती धान का क्षेत्रफल बढ़ा है और इसलिए उत्पादन में भी अच्छी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है जिससे इसकी कीमतों पर दबाव पड़ने की संभावना है।

ऐसे समय में यदि ईरान में बासमती चावल का निर्यात ठप्प पड़ गया तो भारतीय किसानों को अपने उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त करने में काफी कठिनाई हो सकती है।  

अगैती खेती वाले बासमती धान की नई फसल की कटाई-तैयारी अक्टूबर से जोर पकड़ने लगेगी। यूपी लाइन में 1509 बासमती धान की आवक पहले ही शुरू हो चुकी है और इसका बाजार भाव काफी दिनों तक नरम रहने के बाद अब कुछ संभलने लगा है।

1509 बासमती धान का दाम फिलहाल 2300/2600 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है जो गत वर्ष की समान अवधि में प्रचलित मूल्य 3500/3600 रुपए प्रति क्विंटल से काफी कम है।

हरियाणा में करनाल जिले की जूंडला  मंडी में पूसा 1509 बासमती धान का मॉडल मूल्य (जिस पर सर्वाधिक कारोबार होता है) सुधरकर 9 सितम्बर को 2695 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। बासमती चावल के मेप में कटौती की जोरदार मांग की जा रही है।