ईरान में आयात पर लगा प्रतिबंध घटने पर भारत से चावल का शिपमेंट बढ़ने के आसार
05-Aug-2025 08:57 PM

नई दिल्ली। इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स फेडरेशन (आईरेफ) ने कहा है कि भारतीय चावल के एक प्रमुख आयातक देश द्वारा आयात पर लागू प्रतिबंध को घटाए जाने से न केवल भारत से चावल के निर्यात में इजाफा होगा बल्कि अमरीका द्वारा लगाए जाने वाले नए टैरिफ के प्रभाव को घटाने में भी सहायता मिलेगी।
फेडरेशन के चेयरमैन एक महत्वपूर्ण आयातक देश में चार माह से चावल के आयात पर प्रतिबंध लगा हुआ था जिसे अब समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।
यह महत्वपूर्ण बात है क्योंकि वह भारतीय चावल (खासकर बासमती) का एक अग्रणी खरीदार है जहां 10 लाख टन से अधिक चावल का वार्षिक आयात किया जाता है। वहां नियंत्रण हटने के बाद भारतीय निर्यातकों को अपनी गतिविधि बढ़ाने का अच्छा अवसर मिल जाएगा।
हालांकि ईरान सरकार की ओर से अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है मगर मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि घरेलू बाजार में आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने तथा कीमतों में तेजी को नियंत्रित करने के उद्देश्य से ईरान ने चावल के आयात पर चार माह से चालू प्रतिबंध को घटाने का फैसला किया है।
उल्लेखनीय है की ईरान में भारतीय बासमती चावल को काफी पसंद किया जाता है। भारत संसार में चावल का सबसे प्रमुख निर्यातक देश है और वैश्विक निर्यात बाजार में इसकी भागीदारी 45 प्रतिशत है।
भारत में निर्यात योग्य चावल का विशाल भंडार मौजूद है और कीमत भी प्रतिस्पर्धी स्तर पर चल रही है। यदि सरकार की नीति अनुकूल रही तो चावल के वैश्विक निर्यात में भारत का योगदान आने वाले समय में बढ़कर 55 प्रतिशत तक पहुंच सकता है जो एक शानदार उपलब्धि होगी।
ईरान भारतीय बासमती चावल का परम्परागत रूप से एक अग्रणी खरीदार है। वहां जब धान की नई फसल की कटाई-तैयारी शुरू होती है तब विदेशों से चार माह के लिए चावल का आयात रोक दिया जाता है ताकि किसानों को उसकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो सके।