छत्तीसगढ़ में शानदार उत्पादन के बावजूद चावल का भाव तेज
12-Feb-2024 04:16 PM
रायपुर । छत्तीसगढ़ में 2023-24 के खरीफ सीजन के दौरान धान की शानदार पैदावार एवं सरकारी खरीद हुई है लेकिन फिर भी विभिन्न किस्मों एवं श्रेणियों के चावल के दाम में तेजी-मजबूती का माहौल देखा जा रहा है भिलाई की थोक अनाज मंडी में पिछले 15-17 दिनों के दौरान चावल का 15-20 प्रतिशत उछल गया जबकि नवम्बर की तुलना में भी इसके भारी वृद्धि हुई है।
समीक्षाधीन अवधि के दौरान वहां बासमती चावल का भाव 80-90 रुपए प्रति किलो से उछलकर 105 रुपए प्रति किलो, बासमती टुकड़ी (कनी) का दाम 42 रुपए से सुधरकर 50 रुपए प्रति किलो,
एचएमटी चावल का 45 रुपए से सुधरकर 50 रुपए प्रति किलो श्रीराम चावल का 50 रुपए से बढ़कर 60 रुपए प्रति किलो, विष्णुभोग का 60 रुपए से बढ़कर 70 रुपए प्रति किलो, कालीमूंछ का 55 रुपए से उछलकर 64 रुपए प्रति किलो, सफरी का 38 रुपए से सुधरकर 42 रुपए प्रति किलो तथा सरना चावल का दाम 32 रुपए से बढ़कर 38 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार राज्य सरकार द्वारा धान की खरीद पर अतिरिक्त बोनस दिए जाने के कारण चावल का बाजार भाव तेज हुआ है। धान की सरकारी खरीद 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से हो रही है जो न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी ऊंचा है।
राज्य सरकार ने कहा है कि धान की खरीद के बाद अगले दो दिन के अंदर किसानों के बैंक खाते में अतिरिक्त बोनस जमा किया जाएगा। इस घोषणा से किसान काफी खुश हैं और अपना अधिकांश धान सरकारी एजेंसियों को बेचने का प्रयास कर रहे हैं।
इससे व्यापारियों / स्टॉकिस्टों एवं राइस मिलर्स की कठिनाई बढ़ गई है। किसान नीचे दाम पर अपने धान का स्टॉक बेचने के लिए तैयार नहीं हैं। व्यापारियों- मिलर्स को ऊंचे मूल्य पर धान खरीदना पड़ रहा है जिससे चावल की कीमतों में बढ़ोत्तरी हुआ स्वाभाविक है।
छत्तीसगढ़ में 2023-24 के खरीफ मार्केटिंग सीजन में जनवरी 2024 के अंत तक करीब 110 लाख टन धान की रिकॉर्ड सरकारी खरीद हो चुकी थी। जनवरी माह के दौरान वहां इसकी शानदार खरीद हुई। इसके परिणामस्वरूप खुले बाजार में चावल का स्टॉक घट गया।
देश से बासमती चावल का अच्छा निर्यात हो रहा है जबकि इसकी घरेलू मांग भी मजबूत बनी हुई है। हालांकि छत्तीसगढ़ बासमती धान का मान्यता प्राप्त उत्पादक राज्य नहीं है मगर वहां बासमती चावल का अच्छा कारोबार होता है।