चीनी के उत्पादन का सीजन समाप्ति के करीब पहुंचा

24-Apr-2025 04:01 PM

नई दिल्ली। भारत में गन्ना की क्रशिंग एवं चीनी के उत्पादन का सीजन बिल्कुल अंतिम चरण में पहुंच गया है और जो थोड़ी बहुत इकाइयां अभी क्रियाशील हैं उसके भी जल्दी ही बंद हो जाने की संभावना है।

15 अप्रैल 2025 को उत्तर प्रदेश में 22 इकाइयां तथा देश के अन्य राज्यों में 16 इकाइयां ही क्रियाशील थीं। मार्च में गन्ना से चीनी की औसत रिकवरी दर में कुछ सुधार देखा गया था मगर अप्रैल में भीषण गर्मी की वजह से इसमें नमी आने की आशंका है। 

इस बार मध्य अप्रैल तक देश में करीब 254 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ जो गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में काफी कम रहा। महाराष्ट्र में उत्पादन 110 लाख टन से करीब 27 प्रतिशत लुढ़ककर 80.76 लाख टन पर अटक गया।

राज्य में इस बार 200 चीनी मिलों में गन्ना की क्रशिंग आरंभ हुई थी जिसमें से 199 बंद हो गई और केवल पुणे संभाग की एक इकाई अभी चालू है। 

चीनी का उत्पादन महाराष्ट्र के साथ-साथ उत्तर प्रदेश एवं कर्नाटक में भी तेजी से घटा है जिससे राष्ट्रीय स्तर पर कुल उत्पादन में भारी गिरावट आ गई है।

हालांकि इस्मा के आंकड़ों से लगता है कि चीनी की मांग एवं आपूर्ति का समीकरण लगभग संतुलित रहेगा और इसका अंतिम स्टॉक भी सामान्य स्तर पर रह सकता है मगर सहकारी चीनी मिलों के संगठन- एनएफसीएसएफ तथा व्यापारिक संगठन- एआईएसटीए) के आंकड़े इसकी गवाही नहीं दे रहे हैं।

दरअसल इसके आंकड़े में 10 लाख टन का फर्क घरेलू खपत को लेकर बना हुआ है। इस्मा ने 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन में 280 लाख टन चीनी के घरेलू उपयोग का अनुमान लगाया है जबकि अन्य दोनों संगठनों ने 290 लाख टन के उपयोग की संभावना व्यक्त की है।

इसके अलावा तीनों संस्थाओं के उत्पादन अनुमान में भी अंतर है। इसके तहत व्यापारिक संगठन ने 2024-25 के सीजन में 254 लाख टन, सहकारी संगठन ने 259 लाख टन तथा इस्मा ने 264 लाख टन चीनी के उत्पादन की संभावना व्यक्त की है। किसका अनुमान सही होता है यह देखना दिलचस्प होगा।