अमरीका में भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा
07-Aug-2025 11:02 AM

नई दिल्ली। कथित तौर पर रूस से खनिज तेल खरीदने के बहाने अमरीका ने भारत को टारगेट करते हुए भारतीय उत्पादों पर टैरिफ को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत नियत करने की घोषणा की है। यह टैरिफ दो चरणों में लागू होगा।
25 प्रतिशत का आरंभिक टैरिफ आज यानी 7 अगस्त 2025 से लागू हो गया है जबकि 27 अगस्त से पूरे 50 प्रतिशत का सीमा शुल्क प्रभावी हो जाएगा। अमरीकी राष्ट्रपति ने इस आशय के आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद धमकी दी कि यदि भारत ने कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया जताई तो टैरिफ की दर आगे और बढ़ाई जा सकती है।
इस बीच 25 अगस्त के वार्ताकारों का एक दल भारत पहुंचने वाला है जो द्विपक्षीय व्यापार समझौता के लिए भारतीय वार्ताकारों के साथ छठे दौर की बातचीत करेगा। संभवतः इसे देखते हुए विस्तारित टैरिफ को 27 अगस्त से लागू करने की घोषणा की गई है। इससे भारत सरकार की चिंता स्वाभाविक रूप से बढ़ गई है।
अमरीका ने आरोप लगाया है कि भारत रूस से सस्ते दाम पर खनिज तेल खरीदता है और फिर उसे अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में बेचता है। इससे रूस की समृद्धि बढ़ रही है और वह यूक्रेन पर ज्यादा आक्रामक ढंग से प्रहार कर रहा है।
इधर भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा है कि यूक्रेन विवाद शुरू होने के बाद भी अमरीका और यूरोपीय संघ द्वारा रूस से भारी मात्रा में अनेक उत्पादों का आयात जारी रखा गया जिसमें रासायनिक उर्वरक भी शामिल है। स्वयं अमरीका ने भारत को रूस से खनिज तेल खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया था।
विशेषज्ञों का मानना है कि दरअसल ट्रम्प प्रशासन ब्रिक्स संगठन के रवैये से परेशान है और भारत इसका एक सक्रिय सदस्य है। इस संगठन में भारत के अलावा चीन, रूस, साउथ अफ्रीका एवं ब्राजील भी शामिल है।
इन देशों ने स्थानीय मुद्रा में कारोबार करने पर सहमति जताई है जिससे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अमरीकी डॉलर के वर्चस्व को गंभीर खतरा हो सकता है।
अमरीकी टैरिफ से दोनों देशों को नुकसान होगा और अमरीका में महंगाई बढ़ जाएगी। भारत को अमरीकी बाजार में अपने उत्पादों का निर्यात करने में कठिनाई होगी क्योंकि अन्य देशों के सामानों पर वहां कम टैरिफ लगेगा। इसमें चीन भी शामिल है। भारत सरकार अपनी रणनीति तैयार कर रही है और अगले कुछ दिनों में स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है।