उर्वरक सब्सिडी का बिल बजट अनुमान से 15 प्रतिशत अधिक रहने की संभावना
31-Oct-2025 04:13 PM
 
        नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष के दौरान उर्वरक सब्सिडी का बिल बढ़कर 1.92 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाने की संभावना है जो सरकारी बजट अनुमान से करीब 15 प्रतिशत ज्यादा है।
समझा जाता है कि घरेलू प्रभाग में रासायनिक उर्वरकों का उत्पादन घटने तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में यूरिया एवं डीएपी खाद का भाव ऊंचा होने से सब्सिडी में बढ़ोत्तरी होगी।
केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार उर्वरक सब्सिडी का बिल पिछले साल के आसपास ही रहने की संभावना है क्योंकि विदेशों से उर्वरकों के आयात पर भारत की निर्भरता अब भी काफी अधिक है और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में विभिन्न उर्वरकों के दाम में भी जबरदस्त इजाफा हो गया है।
दिलचस्प तथ्य यह है कि स्वदेशी उद्योग ने 2025-26 के मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान खाद सब्सिडी बिल बढ़कर 2.50 लाख करोड़ रुपए के शीर्ष स्तर पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की है जिसके मुकाबले सरकारी अनुमान अभी बहुत छोटा है।
अप्रैल से सितम्बर 2025 की छमाही के दौरान देश में उर्वरकों के आयात में काफी बढ़ोत्तरी हो गई क्योंकि उस समय खरीफ फसलों की बिजाई एवं प्रगति का सीजन चल रहा था। अब अक्टूबर से रबी फसलों की बिजाई आरंभ हो गई है और इसमें भी उर्वरकों की विशाल मात्रा की जरूरत पड़ेगी।
अधिकारियों के अनुसार सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का स्टॉक हासिल हो और अंतर्राष्ट्रीय बाजार भाव में हुई बढ़ोत्तरी का उस पर कोई असर न पड़े।
सरकार अन्य उद्योगों को रियायती मूल्य वाले उर्वरकों के डायवर्जन पर गहरी नजर रख रही है क्योंकि इससे पिछले सीजन में उर्वरकों का कुछ अभाव उत्पन्न हो गया था। इस बार वैसी स्थिति नहीं पैदा होगी।
खाद (उर्वरक) सब्सिडी बिल के संशोधित अनुमान में यूरिया के लिए 1.17 लाख करोड़ तथा गैर यूरिया उर्वरकों के लिए 75,000 करोड़ रुपए की राशि शामिल है। भारत में कई देशों से उर्वरकों का आयात किया गया है।
