बिजाई घटने की संभावना से सौंफ में मंदा नहीं

31-Oct-2025 06:48 PM

नई दिल्ली। चालू सीजन के दौरान उत्पादकों को उनकी उपज का उचित मूल्य न मिलने के कारण संभावना व्यक्त की जा रही है कि दूसरे वर्ष भी प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान एवं गुजरात में सौंफ के बिजाई क्षेत्रफल में गिरावट आएगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2024 के लिए उत्पादक केन्द्रों पर सौंफ की बिजाई 1.97 लाख हेक्टेयर पर की गई थी जोकि वर्ष 2025 के लिए घटकर 97 हजार हेक्टेयर की रह गई है। सूत्रों का कहना है कि वर्तमान भावों को देखते हुए संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस वर्ष भी बिजाई क्षेत्रफल में 10/15 प्रतिशत की कमी अवश्य ही आएगी। उत्पादक केन्द्रों पर सौंफ की बिजाई नवम्बर माह के दौरान शुरू हो जाएगी। जबकि नई फसल मार्च माह में आएगी। 

आवक कम 

प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात एवं राजस्थान की मंडियों में सौंफ की दैनिक आवक काफी कम हो रही है लेकिन निर्यातक मांग कम होने के अलावा लोकल उठाव भी कमजोर बना रहने से भाव दबे हुए हैं। वर्तमान में प्रमुख मंडी ऊंझा में सौंफ की दैनिक आवक 1500 बोरी के आसपास चल रही है। जबकि राजस्थान की नागौर मंडी में आवक 500/600 बोरी की रह गई है। 

पैदावार घटी 

गत वर्ष की भांति चालू सीजन के दौरान भी किसानों को उनकी उपज का अभी तक उचित मूल्य नहीं मिल पाया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024 के दौरान देश में सौंफ की रिकॉर्ड पैदावार 38/40 लाख बोरी की रही थी। जोकि वर्ष 2025 में घटकर 18/20 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 55 किलो) की रह गई। लेकिन बकाया स्टॉक अधिक रहने के कारण बाजार में बराबर बिकवाली का दबाव बना रहा। जिस कारण से भाव नहीं बढ़ पाए। वर्ष 2023 में देश में सौंफ की पैदावार 20/22 लाख बोरी की रही थी। 

भाव 

चालू सीजन के दौरान अप्रैल माह के दौरान नई सौंफ का निर्यात भाव 113/114 रुपए प्रति किलो चल रहा था जो धीरे-धीरे घटकर वर्तमान में 78/79 रुपए पर आ गया है लेकिन वर्तमान भावों पर भी निर्यात व्यापार छिटपुट मात्रा में ही हो रहा है। उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर अप्रैल माह के दौरान सौंफ के एवरेज क्वालिटी का भाव 90/110 रुपए प्रति किलो बोला जा रहा था जोकि वर्तमान में घटकर 70/85 रुपए प्रति किलो पर आ गया है। 

मन्दा तेजी

जानकार सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में सौंफ के भाव न्यूनतम स्तर पर बोले जा रहे हैं। वर्तमान भावों में अब मंदे की संभावना नहीं है। जानकारों का मानना है कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य न मिलने के कारण किसान इस वर्ष भी सौफं की बिजाई कम क्षेत्रफल पर करेगा। स्वयं ही आगामी दिनों में निर्यात मांग भी बढ़ने की संभावना है। जिस कारण आगामी दिनों में सौंफ के भाव बढ़ने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। 

निर्यात 

वर्ष 2024-25 के दौरान देश से सौंफ का रिकॉर्ड निर्यात होने के पश्चात वर्ष 2025-26 के दौरान निर्यात बुरी तरह घटा है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जुलाई-2025 के दौरान सौंफ का निर्यात मात्रात्मक रूप से 72 प्रतिशत एवं आय के रूप में 60 प्रतिशत घटा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल-जुलाई- 2025 के दौरान सौंफ का निर्यात 11758 टन का हुआ और निर्यात से प्राप्त आय 154.27 करोड़ की रही। जबकि अप्रैल-जुलाई- 2024 में सौंफ का निर्यात 41701 टन का हुआ था और निर्यात से प्राप्त आय 381.08 करोड़ की रही थी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2024-25 के दौरान सौंफ का रिकॉर्ड निर्यात  76586 टन का हुआ था और प्राप्त आय 765.44 करोड़ रुपए की रही थी। वर्ष 2023-24 में निर्यात 39564 टन का रहा था और निर्यात से प्राप्त आय 669.60 करोड़ की रही थी।