सामान्य आवक एवं बेहतर लिवाली से लालमिर्च का भाव मजबूत रहने के आसार

25-Jun-2025 05:21 PM

गुंटूर। बेशक पिछले वित्त वर्ष के दौरान लालमिर्च के निर्यात में मात्रा एवं आमदनी की दृष्टि से गिरावट आ गई मगर चालू वित्त वर्ष के प्रदर्शन कुछ बेहतर रहने की उम्मीद है।

प्रमुख उत्पादक मंडियों में इस महत्वपूर्ण मसाले की सामान्य आपूर्ति हो रही है जबकि स्थानीय डीलर्स एवं दिसावरी व्यापारियों के साथ-साथ निर्यातकों द्वारा भी इसकी खरीद में अच्छी दिलचस्पी दिखाई जा रही है। 

आंध्र प्रदेश की बेंचमार्क गुंटूर मंडी में लालमिर्च की औसत दैनिक आवक घटकर 40-45 हजार बोरी रह गई है जबकि पहले 50-55 हजार बोरी की हो रही थी।

तेलंगाना की वारंगल मंडी में भी कम माल आ रहा है। लिवाली का समर्थन जारी रहने पर कीमतों में मजबूती का माहौल बरकरार रह सकता है।

दोनों शीर्ष उत्पादक राज्यों में मानसून की वर्षा में अंतर देखा जा रहा है लेकिन कई भागों में बारिश की कमी महसूस हो रही है। इससे लालमिर्च की नई फसल की प्रगति आंशिक रूप से प्रभावित हो सकती है। 

भारत दुनिया में लालमिर्च का अग्रणी उत्पादन, उपभोक्ता एवं निर्यातक देश है। प्रमुख आयातक देशों में माल का स्टॉक कम बताया जा रहा है जिससे वहां आगामी दिनों में इसकी मांग बढ़ने की उम्मीद है।

कीमतों में तेजी-मजबूती का रुख बनने पर भारतीय किसानों को लालमिर्च का बिजाई क्षेत्र बढ़ाने का अच्छा प्रोत्साहन मिल सकता है। 

घरेलू प्रभाग में लालमिर्च का सामान्य कारोबार हो रहा है। उत्पादक मंडियों में अभी अच्छा कारोबार देखा जा रहा है। समझा जाता है कि वहां मानसून के जोर पकड़ने से पूर्व दिसावरी व्यापारी इसकी खरीद करके स्टॉक बढ़ाने का प्रयास कर सकते हैं।

जुलाई-अगस्त के दौरान देश के विभिन्न भागों में अत्यन्त मूसलाधार बारिश होती है और कई क्षेत्रों में भयंकर बाढ़ भी आती है जिससे यातायात प्रभावित होता है। इस समय लालमिर्च का स्टॉक मंगाना महंगा पड़ सकता है।