पीली मटर पर आयात शुल्क लगने से रबी दलहनों का रकबा बढ़ने की उम्मीद
31-Oct-2025 01:54 PM
 
        नई दिल्ली। केन्द्र सरकार द्वारा पीली मटर के आयात पर 10 प्रतिशत के मानक शुल्क तथा 20 प्रतिशत के कृषि ढांचागत विकास सेस (एआईडीसी) सहित कुल 30 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगाए जाने से मौजूदा रबी सीजन में चना तथा मसूर जैसे दलहनों के बिजाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है। बिजाई की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है और आगे इसकी गति निरन्तर तेज होती जाएगी।
ऑल इंडिया दाल मिल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि सीमा शुल्क लागू होने से भारत में पीली मटर का आयात खर्च बढ़ेगा जिससे घरेलू दलहनों की कीमतों में मजबूती आएगी।
इससे भारतीय किसानों को चालू रबी सीजन में दलहनों का क्षेत्रफल बढ़ाने का अच्छा प्रोत्साहन मिल सकता है। दरअसल कनाडा एवं रूस जैसे देशों से सस्ती पीली मटर का विशाल आयात होने से भारत में अन्य प्रमुख दलहनों की मांग एवं खपत पर असर पड़ा और उसकी कीमतों में गिरावट आ गई।
भारत में पीली मटर के साथ-साथ देसी चना, तुवर, उड़द एवं मसूर आदि का आयात भी बड़े पैमाने पर होता है। इस वर्ष मार्च तक इन सभी दलहनों का शुल्क मुक्त आयात हो रहा था लेकिन उसके बाद देसी चना एवं मसूर पर 10-10 प्रतिशत का सीमा शुल्क लगाया गया और अब पीली मटर पर 30 प्रतिशत का शुल्क लागू किया गया है।
पीली मटर के विशाल सस्ते आयात तथा घरेलू बाजार में गिरते दाम के कारण खरीफ सीजन में किसानों को दलहनों- तुवर, मूंग, मोठ, एवं उड़द का उत्पादन क्षेत्र बढ़ाने का ज्यादा प्रोत्साहन नहीं मिल सका।
इसके फलस्वरूप बिजाई क्षेत्र में अत्यन्त मामूली सुधार दर्ज किया गया जबकि फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
मूंग का रकबा 35 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 34.90 लाख हेक्टेयर रह गया मगर तुवर का बिजाई क्षेत्र 46.40 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 46.60 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा।
उड़द के क्षेत्रफल पर अंकुश लगाने के लिए सरकार पर चौतरफा दबाव डाला जा रहा था और स्वयं केन्द्रीय कृषि मंत्री चाहते थे कि इस पर ऊंचे स्तर का आयात शुल्क लगाया जाए। अब सरकार ने इसकी घोषणा कर दी है।
