News Capsule/न्यूज कैप्सूल: चीनी से उत्पादित एथनॉल की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग: ISMA

29-Oct-2025 02:53 PM

News Capsule/न्यूज कैप्सूल: चीनी से उत्पादित एथनॉल की हिस्सेदारी बढ़ाने की मांग: ISMA
★ ISMA ने आज प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि एथनॉल उत्पादन में चीनी क्षेत्र की हिस्सेदारी घटाने और चीनी के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को छह साल से स्थिर रखने के कारण उद्योग की स्थिरता पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इस कांफ्रेंस में आई-ग्रेन इंडिया भी शामिल था।
★ संघ ने कहा कि एथनॉल सप्लाई ईयर 2025–26 में केवल 289 करोड़ लीटर एथनॉल चीनी आधारित फीडस्टॉक से आवंटित किया गया है, जो कुल आवश्यकता का मात्र 28% है, जबकि 72% (760 करोड़ लीटर) अनाज आधारित स्रोतों से दिया गया है।
★ यह निर्णय उस समय लिया गया है जब चीनी उद्योग ने 40,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश कर 900 करोड़ लीटर की एथनॉल उत्पादन क्षमता बनाई है।
★ इससे डिस्टिलरी की क्षमता 50% से भी कम उपयोग होगी, लगभग 34 लाख टन चीनी एथनॉल में डायवर्ट नहीं हो पाएगी, जिससे देश में चीनी का अधिशेष भंडार बढ़ेगा और बाजार में दाम और गिरेंगे।
★ नकदी संकट के कारण चीनी मिलों को किसानों को भुगतान करने में कठिनाई होगी और गन्ना बकाया बढ़ने की आशंका है।
★ गन्ने का एफआरपी 2022–23 से अब तक 16.5% बढ़कर ₹355 प्रति क्विंटल हो गया है, जबकि एथनॉल की खरीद दर में कोई वृद्धि नहीं हुई है। वर्तमान दरें (₹60.73/लीटर बी-हेवी से और ₹65.61/लीटर रस से) उत्पादन लागत से लगभग ₹5 प्रति लीटर कम हैं, जिससे यह कारोबार आर्थिक रूप से अलाभकारी हो गया है।
★ एमएसपी फरवरी 2019 से ₹31 प्रति किलो पर स्थिर है, जबकि उत्पादन लागत अब ₹40.24 प्रति किलो पहुंच गई है।
★ बाजार में चीनी के दाम दिसंबर तक और गिरने की संभावना है, जिससे मिलों पर असर पड़ेगा और किसानों के बकाये में वृद्धि होगी।
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ISMA ने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करके निम्नलिखित मांग की:
★ एथनॉल आवंटन में चीनी क्षेत्र की हिस्सेदारी कम से कम 50% तक बढ़ाना।
★ एथनॉल की कीमतों में लागत के अनुरूप संशोधन।
★ शुगर एमएसपी को बढ़ाकर उत्पादन लागत के अनुरूप करना।
★ एथनॉल ब्लेंडिंग को E20 से आगे बढ़ाकर E100 तक ले जाना और फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों को प्रोत्साहन देना।
★ 2025–26 की चीनी निर्यात नीति शीघ्र घोषित करना ताकि अधिशेष प्रबंधन और तरलता सुधार संभव हो सके।