नियत तिथि से 9 दिन पूर्व ही मानसून समूचे देश में पहुंचा

30-Jun-2025 10:37 AM

नई दिल्ली। जून के प्रथम पखवाड़े में सुस्त और निष्क्रिय रहने के बाद दक्षिण पश्चिम मानसून दूसरे हाफ में काफी सक्रिय एवं गतिशील हो गया जिससे देश के विभिन्न भागों में जोरदार बारिश होने लगी।

इस बार  मानसून अपनी नियत तिथि से पहले ही देश के अधिकांश राज्यों में पहुंच गया जबकि अगले कुछ सप्ताहों  के दौरान इसकी तीव्रता एवं गतिशीलता और भी बढ़ने की उम्मीद है। 

मौसम विभाग के अनुसार 8 जुलाई की अपनी नियत तिथि से 9 दिन पूर्व ही समूचे भारत में 29 जून को पहुंच गया जो पिछले पांच साल की तीव्रतम गति मानी जा रही है। इससे पूर्व वर्ष 2020 में यह 26 जून को समूचे देश में पहुंचा था।

अल नीनो तथा ला नीना मौसम चक्र के बीच संतुलन होने से इस वर्ष देश में मानसून  होने की उम्मीद की जा रही है। इससे खरीफ फसलों की बिजाई एवं प्रगति में अच्छी सहायता मिलने के आसार हैं।

लेकिन कई इलाकों में अत्यन्त मूसलाधार वर्षा होने से खेत जलमग्न हो गए जिससे खरीफ फसलों को नुकसान हो रहा है। इसमें राजस्थान तथा हरियाणा के ऐसे क्षेत्र भी शामिल है जहां आमतौर पर बारिश कम होती है। 

मौसम विभाग ने महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान जैसे महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक प्रांतों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं दिल्ली एनसीआर में भी भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है।

इससे नदियों एवं बांधों-जलाशयों में पानी का स्तर बढ़ेगा और खेतों में भी पानी भर सकता है। इससे खासकर धान की खेती में किसानों को अच्छी सफलता मिलेगी। 

दक्षिण-पश्चिम मानसून 29 जून को आगे बढ़कर राजस्थान के शेष भागों, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली में पहुंच गया और इसके साथ ही इसने पूरे देश को कवर कर लिया।

मानसून के इस दूसरे चरण के दौरान सामान्य औसत के मुकाबले पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 61 प्रतिशत, पूर्वी राजस्थान में 42 प्रतिशत और हरियाणा में 109 प्रतिशत अधिशेष बारिश हुई।

पिछले 25 वर्षों में मानसून केवल 6 बार जून में सम्पूर्ण देश को कवर करने में सफल रहा है। मौसम विभाग ने इस वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर 108 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान लगाया है।

खरीफ फसलों की बिजाई जोर पकड़ने लगी है जबकि जुलाई-अगस्त में इसकी रफ्तार और भी तेजी से बढ़ने की संभावना है।