महाराष्ट्र में सरकारी खरीद आरंभ होने से सोयाबीन का भाव बढ़ने के संकेत
15-Nov-2025 12:14 PM
मुम्बई। महाराष्ट्र में 15 नवम्बर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर किसानों से सोयाबीन की खरीद आरंभ करने की घोषणा पहले ही कर दी गई थी और स्वयं मुख्यमंत्री ने उत्पादकों को जल्दबाजी में औने-पौने दाम पर अपना उत्पाद नहीं बेचने का सुझाव दिया था।
पिछले कुछ दिनों से वहां प्रमुख मंडियों में माल की आवक कम होने तथा मांग मजबूत रहने से सोयाबीन के दाम में सुधार आने के संकेत मिल रहे हैं।
उत्पादकों को उम्मीद है कि सरकारी खरीद आरंभ होने से इस महत्वपूर्ण तिलहन की कीमतों में कुछ और तेजी आ सकती है। राज्य में 15 नवम्बर 2025 से सोयाबीन की सरकारी खरीद शुरू हो गई।
व्यापार विश्लेषकों, किसानों तथा बाजार समितियों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से सोयाबीन के मूल्य में तेजी-मजबूती का माहौल बना हुआ है क्योंकि सरकारी खरीद शुरू होने की उम्मीद से किसान विभिन्न मंडियों में सीमित मात्रा में माल उतार रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर माह के दौरान महाराष्ट्र में हिंगनघाट सहित अन्य प्रमुख मंडियों में सोयाबीन के दाम में 500 रुपए प्रति क्विंटल तक की जोरदार गिरावट आ गई थी। बाढ़-वर्षा से फसलों को हुई क्षति के कारण सोयाबीन के उत्पादक पहले से ही परेशान थे और बाजार मांग में अनिश्चितता से उसकी कठिनाई और भी बढ़ गई। उसे स्टॉक की बिक्री की गति धीमी करनी पड़ी।
लेकिन नवम्बर माह में बाजार मजबूत होने लगा सोयाबीन का भाव जालना मंडी में उछलकर 4600/4650 रुपए प्रति क्विंटल के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया जबकि अन्य मंडियों में भी इसका मॉडल भाव (जिस पर सर्वाधिक कारोबार होता है) ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। अधिकांश मंडियों में मॉडल भाव सरकारी समर्थन मूल्य से नीचे ही रहा।
ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2024-25 सीजन के 4892 रुपए प्रति क्विंटल से 436 रुपए बढ़ाकर 2025-26 सीजन के लिए 5328 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
इसके मुकाबले सोयाबीन का मंडी भाव अमरावती 4000/4800 रुपए, लातूर 4000/4900 तथा मूर्तजापुर 4300/4700 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा। आमतौर पर भाव 4500 रुपए से ऊपर ही रहा।
