एथनॉल निर्माण के लिए मक्का, चावल एवं चीनी के बीच प्रतिस्पर्धा

15-Nov-2025 12:43 PM

नई दिल्ली। तीन-चार साल पहले तक देश में मुख्यतः गन्ना अवयवों एवं क्षतिग्रस्त अनाज से एथनॉल का निर्माण हो रहा था लेकिन उसके बाद सरकारी चावल और मक्का से इसके उत्पादन में तेजी आने लगी अब हालत यह है कि गन्ना के बजाए अनाजों से एथनॉल का काफी ज्यादा उत्पादन हो रहा है

और पेट्रोलियम कंपनियां भी अनाज से निर्मित एथनॉल की खरीद को विशेष प्राथमिकता दे रही है। इससे चीनी उद्योग की चिंता एवं कठिनाई बढ़ गई है। 

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 2024-25 के मार्केटिंग सीजन (नवम्बर-अक्टूबर) के दौरान तेल विपणन कंपनियों को कुल मिलाकर 1002.99 करोड़ लीटर एथनॉल प्राप्त हुआ

जिसमें अनाज से निर्मित एथनॉल की मात्रा 686.99 करोड़ लीटर तथा गन्ना से उत्पादित एथनॉल की हिस्सेदारी 316 करोड़ लीटर रही। पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण का लक्ष्य वर्ष 2025 में ही हासिल हो गया जबकि इसे 2030 तक प्राप्त किया जाना था। 

2025-26 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के लिए तेल विपणन कंपनियों ने करीब 1048 करोड़ लीटर एथनॉल की आपूर्ति का कोटा आवंटित किया है।

इसमें मक्का से निर्मित एथनॉल का कोटा सबसे ज्यादा 478.90 करोड़ लीटर, भातीय खाद्य निगम के चावल से बने एथनॉल का कोटा 233.30 करोड़ लीटर, गन्ना जूस से उत्पादित एथनॉल का कोटा 165.90 करोड़ लीटर, बी-हैवी शीरा से उत्पादित एथनॉल का कोटा 110.50 करोड़ लीटर,

क्षतिग्रस्त अनाज से निर्मित एथनॉल का कोटा 47.60 करोड़ लीटर और सी-हैवी शीरा से निर्मित एथनॉल का कोटा 12.20 करोड़ लीटर शामिल है। इन आंकड़ों से स्पष्ट संकेत मिलता है कि तेल विपणन कंपनियां मक्का से निर्मित एथनॉल की खरीद पर अपनी निर्भरता तेजी से बढ़ा रही है।