खाद्य तेलों के आयात मूल्य (खर्चा) में 3-5 प्रतिशत की वृद्धि

25-Jun-2025 06:20 PM

मुम्बई। सीमा शुल्क में कटौती के बावजूद निर्यातक देशों में भाव तेज होने के कारण भारत में खाद्य तेलों के आयात खर्च में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।

उद्योग समीक्षकों के अनुसार 13 जून वाले सप्ताह के मुकाबले 20 जून वाले सप्ताह के दौरान खाद्य तेलों के आयात मूल्य में 3 से 5 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।

विश्लेषकों के मुताबिक सरकार ने क्रूड श्रेणी के तीनों प्रमुख खाद्य तेल- पाम तेल, सोयाबीन तेल एवं सूरजमुखी तेल पर मौलिक आयात शुल्क को 20 प्रतिशत से आधा घटाकर 10 प्रतिशत नियत  कर दिया है ताकि इसके भारत में आयात का खर्च कम हो और आम उपभोक्ताओं को इसका फायदा मिल सके। खाद्य तेल के घरेलू बाजार भाव में आने वाली तेजी को नियंत्रित करने के उद्देश्य से सरकार ने यह कदम उठाया। 

दरअसल उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई की दर अधिकांश खाद्य तेलों के लिए जनवरी 2025 से ही काफी ऊंचे स्तर पर बरकरार है जबकि कुल मिलाकर खाद्य महंगाई में गिरावट आई है। इसके फलस्वरूप खाद्य तेलों के आयात को सस्ता बनाने की आवश्यकता महसूस हुई।

इससे पूर्व स्वदेशी वनस्पति तेल उद्योग और खासकर रिफाइनर्स द्वारा सरकार से क्रूड और रिफाइंड खाद्य तेलों पर आयात शुल्क के बीच 20 प्रतिशत का अंतर रखने की मांग की जा रही थी।

इसे देखते हुए सरकार ने रिफाइंड खाद्य तेलों पर कुल आयात शुल्क को 35.75 प्रतिशत पर बरकरार रखते हुए क्रूड खाद्य तेलों पर इसे 27.5 प्रतिशत से घटाकर 16.5 प्रतिशत निर्धारित कर दिया।

इससे कुछ समय तक रिफाइनर्स को राहत मिली लेकिन जल्दी ही प्रमुख आपूर्तिकर्ता देशों में पाम तेल एवं सोयाबीन तेल का दाम बढ़ गया जिससे रिफाइनर्स को मिल रही राहत भी समाप्त हो गई।

लेकिन अब ब्राजील, अर्जेन्टीना एवं अमरीका में सोयाबीन तेल तथा मलेशिया और इंडोनेशिया में पाम तेल का भाव नरम पड़ने की संभावना है क्योंकि ईरान तथा इजरायल के बीच युद्ध लगभग समाप्त हो गया है।