कर्नाटक को सुपारी की फसल पर रोग नियंत्रण के लिए 37 करोड़ रुपए का आवंटन
06-Aug-2025 11:19 AM

नई दिल्ली। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री ने कहा है कि देश के सबसे प्रमुख सुपारी उत्पादक राज्य- कर्नाटक को इसकी फसल पर लगने वाले कीड़ों-रोगों को नियंत्रित करने के लिए वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 37 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया।
यह राशि केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा 'मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर के अंतर्गत आवंटित की गई।
उल्लेखनीय है कि देश में करीब तीन-चौथाई सुपारी का उत्पादन अकेले कर्नाटक में होता है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर सुपारी के कुल उत्पादन क्षेत्र का 71 प्रतिशत भाग कर्नाटक में स्थित है जबकि कुछ घरेलू उत्पादन में इस राज्य का योगदान 73 प्रतिशत के करीब रहता है जबकि शेष उत्पादन केरल सहित अन्य राज्यों में होता है।
केन्द्रीय मंत्री के अनुसार सुपारी एवं मसाला विकास निदेशालय सुपारी के मौजूदा बागानों में विभिन्न प्रजातियों एवं किस्मों की फसल के लिए उचित टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दे रहा है और समय-समय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करता है।
सुपारी के बागानों पर अक्सर कीड़ों-रोगों का गंभीर प्रकोप देखा जाता है जिसकी रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। कर्नाटक एवं केरल के बागानों का नियमित रूप से निरीक्षण- परीक्षण भी किया जा रहा है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023-24 के दौरान कर्नाटक में करीब 10.32 लाख टन सुपारी का उत्पादन हुआ जबकि वहां इसका क्षेत्रफल 6.77 लाख हेक्टेयर रहा था।
इसके साथ ही सुपारी के क्षेत्रफल एवं उत्पादन की दृष्टि से देश में कर्नाटक की भागीदारी बढ़कर क्रमश: 71 प्रतिशत एवं 73 प्रतिशत पर पहुंच गई। ध्यान देने की बात है कि देश में सुपारी के लिए अलग से कोई बोर्ड नहीं है जबकि इसके गठन की मांग की जा रही है।
मार्च 2025 में ही केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा था कि सुपारी बोर्ड के गठन का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। एक सांसद का कहना था कि जब देश में कॉफी बोर्ड, रबड़ बोर्ड, टी बोर्ड एवं हल्दी बोर्ड मौजूद है तो फिर सुपारी के लिए बोर्ड का गठन करने में क्या दिक्कत आ रही है।