जून में कनाडा से मसूर मटर एवं काबुली चना के निर्यात में गिरावट

06-Aug-2025 06:04 PM

वैंकुवर। मई की तुलना में जून माह के दौरान कनाडा से मसूर, मटर एवं काबुली चना के निर्यात में गिरावट दर्ज की गई लेकिन मार्केटिंग सीजन के शुरुआती 11 महीनों के शिपमेंट का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। अंतिम माह-जुलाई का आंकड़ा सामने आना अभी बाकी है।

उल्लेखनीय है कि कनाडा में दलहनों का मार्केटंग सीजन अगस्त में आरंभ होकर अगले साल जुलाई में खत्म होता है। इस लिहाज से 2025-26 का नया मार्केटिंग सीजन 1 अगस्त 2025 से औपचारिक तौर पर आरंभ हो चुका है।

सरकारी संस्था- स्टैटिस्टिक्स कनाडा (स्टैट्स कैन) के आंकड़ों से पता चलता है कि जून में कनाडा से 79,179 टन मसूर का निर्यात हुआ जो मई के शिपमेंट 1,08,281 टन से काफी कम रहा लेकिन फिर भी शुरुआती 11 महीनों में यानी अगस्त 2024 से जून 2025 के दौरान मसूर का कुल निर्यात बढ़कर 17.72 लाख टन पर पहुंच गया

जो 2023-24 सीजन की समान अवधि के शिपमेंट 15.41 लाख टन से 2.31 लाख टन अधिक रहा। कनाडा मसूर का सबसे प्रमुख निर्यातक देश है। चालू मार्केटिंग सीजन के आरंभिक 11 महीनों में भारत कनाडाई मसूर का सबसे बड़ा खरीदार रहा जिसने 5,40,435 टन का आयात किया। इसके बाद तुर्की ने 2,47,266 टन तथा संयुक्त अरब अमीरात ने 2,04,955 टन का आयात किया।

2023-24 की तुलना में 2024-25 सीजन के दौरान भारत को निर्यात में 9.6 प्रतिशत तथा तुर्की को निर्यात में 88.9 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया। कनाडा के कृषि मंत्रालय ने 2024-25 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन के दौरान मसूर का कुल निर्यात 20 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया है। 

जहां तक मटर का सवाल है तो मई के मुकाबले जून में इसका निर्यात 48 प्रतिशत लुढ़ककर 52,490 टन पर अटक गया लेकिन फिर भी शुरूआती 11 महीनों का कुल शिपमेंट 21.48 लाख टन पर पहुंचा जो 2023-24 सीजन के निर्यात 23.83 लाख टन से कम रहा। भारत में इसका निर्यात पिछले सीजन के लगभग बराबर यानी 8,20,620 टन दर्ज किया गया और वह सबसे प्रमुख खरीदार बना रहा।

इसके विपरीत चीन में निर्यात 28 प्रतिशत घटकर 7,20,326 टन पर अटक गया। इसी तरह अमरीका में निर्यात 36.2 प्रतिशत घटकर 97,597 टन पर अटक गया मगर बांग्ला देश को होने वाला शिपमेंट 50.7 प्रतिशत उछलकर 2,09,647 टन पर पहुंच गया। 2024-25 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन के लिए कृषि मंत्रालय ने कनाडा से कुल 23 लाख टन मटर का निर्यात होने का अनुमान लगाया है जो सही साबित हो सकता है।