इंडोनेशिया में बी 50 बायोफ्यूल प्लान को लागू करने में भारी कठिनाई
06-Aug-2025 06:19 PM

जकार्ता। दुनिया के सबसे प्रमुख पाम तेल उत्पादक एवं निर्यातक देश- इंडोनेशिया में फिलहाल जैव ईंधन (बायोफ्यूल) के निर्माण में 40 प्रतिशत पाम तेल का उपयोग करने का अनिवार्य नियम लागू है। इसे बढ़ाकर वहां 50 प्रतिशत पर पहुंचाने का प्लान बनाया गया है मगर इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन के मार्ग में अनेक गंभीर अड़चन पैदा होने की आशंका है। अगले वर्ष से इस प्लान को लागू करने की योजना बनाई गई है।
इंडोनेशिया के इस प्लान से पाम तेल के प्रमुख आयातक देशों की चिंता बढ़ गई है जिसमें भारत भी शामिल है। कुछ अग्रणी उद्योग-व्यापार समीक्षकों का मानना है कि इंडोनेशिया के लिए इस प्लान को लागू करना आसान नहीं होगा।
हालांकि पाम तेल की आपूर्ति की कोई खास समस्या नहीं रहेगी लेकिन इसके संचालन में तथा वित्तीय आधार पर कई अड़चने सामने आ सकती है।
मई 2025 में इंडोनेशिया सरकार ने 53 लाख टन क्रूड पाम तेल (सीपीओ) को निर्यात उद्देश्य से हटाकर बी 50 प्लान के तहत जैव ईंधन के निर्माण में उपयोग करने की घोषणा की थी। इसके फलस्वरूप इंडोनेशिया से पाम तेल का निर्यात 2024 के 260 लाख टन से घटकर 2026 में 210 लाख टन पर सिमट सकता है।
यदि वहां क्रूड पाम तेल के उत्पादन में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई और सरकार की सहयोगात्मक नीति बरकरार रही तो बी 50 प्लान को क्रियान्वित करने में इंडोनेशिया को कम चुनौती का सामना करना पड़ेगा लेकिन अगर सीपीओ के घरेलू उत्पादन में स्थिरता या गिरावट रही तो वहां संकट बढ़ सकता है। वर्ष 2025 के लिए बी 40 प्रोग्राम लागू है और इसकी प्रगति संतोषजनक देखी जा रही है।
इंडोनेशिया में अगले साल यदि बी 50 प्रोग्राम को लागू करने का निर्णय लिया जाता है तो वैश्विक निर्यात बाजार के लिए पाम तेल एवं इसके उत्पादों की आपूर्ति एवं उपलब्धता में कमी आ सकती है जिससे कीमतों में तेजी को बल मिल सकता है।
इससे भारत एवं चीन जैसे प्रमुख आयातक देशों की कठिनाई बढ़ जाएगी। पाम तेल का दाम बढ़ने पर सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल एवं रेपसीड-कैनोला तेल की कीमतों में भी सुधार आ सकता है। भारत इंडोनेशियाई पाम तेल का सबसे प्रमुख खरीदार देश है। इंडोनेशिया के बी 50 प्लान से मलेशिया को भारी फायदा होने की उम्मीद है।