घरेलू आपूर्ति एवं विदेशी आयात जारी रहने से तुवर का भाव कमजोर सरकारी खरीद की गति बढ़ी
15-Mar-2025 01:56 PM

कलबुर्गी। घरेलू फसल की जोरदार तथा विदेशों से शुल्क मुक्त दलहन का आयात जारी रहने से खरीफ सीजन की सबसे प्रमुख दलहन फसल- अरहर (तुवर) थोक मंडी भाव घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे आ गया है। इसके फलस्वरूप मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत तुवर की सरकारी खरीद की गति बढ़ती जा रही है।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र एवं तेलंगाना जैसे राज्यों में तुवर की सरकारी खरीद की प्रक्रिया पहले ही आरंभ हो चुकी है
और 11 मार्च तक इन राज्यों में कुल मिलाकर 1.31 लाख टन की खरीद हो गई थी। इससे 89,219 किसानों को फायदा हुआ। तुवर के अन्य उत्पादक राज्यों में भी खरीद की प्रक्रिया बहुत जल्दी शुरू हो जाने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के लिए सरकार ने तुवर का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7550 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है जबकि बढ़ती आवक के कारण थोक मंडी भाव घटकर इससे काफी नीचे आ गया है।
प्रमुख उत्पादक राज्यों में इस महत्वपूर्ण दलहन का मॉडल मूल्य (जिस पर सर्वाधिक कारोबार होता है) थोक मंडियों में 4950 से 7600 रुपए प्रति क्विंटल के बीच चल रहा है।
तुवर की खरीद नैफेड के ई-समृद्धि पोर्टल तथा एनसीसीएफ के ई-संयुक्ति पोर्टल पर पहले से पंजीकृत किसानों से भी की गई है।
ध्यान देने की बात है कि केन्द्र सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह तुवर की 100 प्रतिशत विपणन योग्य मात्रा की खरीद के प्रति संकल्पबद्ध है। नैफेड तथा एनसीसीएफ जैसी नोडल एजेंसियों के क्रय केन्द्रों पर तुवर की जो भी मात्रा पहुंचेगी, उसकी पूरी खरीद की जाएगी।
कृषि मंत्रालय ने 2024-25 के वर्तमान सीजन में तुवर का घरेलू उत्पादन सुधरकर 35.10 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया है जो 2023-24 सीजन के उत्पादन 34.20 लाख टन से 90 हजार टन ज्यादा है जबकि उद्योग- व्यापार संगठनों का मानना है कि वास्तविक उत्पादन सरकारी अनुमान से 2-3 लाख टन अधिक हो सकता है।
उस बीच सरकार ने तुवर के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा को 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है जिससे म्यांमार एवं अफ्रीकी देशों से इसका सतत आयात जारी रहेगा।
केन्द्रीय कृषि मंत्रालय 2024-25 मार्केटिंग सीजन के लिए अब तक पीएसएस के तहत 13.22 लाख टन तुवर, 9.40 लाख टन मसूर एवं 1.35 लाख टन उड़द की खरीद की स्वीकृति दे चुका है।