ग्रीष्मकालीन फसलों का बिजाई क्षेत्र बढ़कर 68.80 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा

22-Apr-2025 07:15 PM

नई दिल्ली। ग्रीष्मकालीन या जायद फसलों की बिजाई का अभियान अंतिम चरण में पहुंच गया है। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के नवीनतम साप्ताहिक आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वर्ष के दौरान 18 अप्रैल तक राष्ट्रीय स्तर पर जायद फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 68.80 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया

जो पिछले साल की सामान अवधि के बिजाई क्षेत्र 59.73 लाख हेक्टेयर से 9.07 लाख हेक्टेयर ज्यादा मगर सामन्य औसत क्षेत्रफल 71.34 लाख हेक्टेयर से कुछ कम है। चूंकि कुछ क्षेत्रों में बिजाई की प्रक्रिया अभी जारी है इसलिए कुल रकबे में कुछ और सुधार हो सकता है। 

पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान ग्रीष्मकालीन धान का उत्पादन क्षेत्र 27.60 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 31.57 लाख हेक्टेयर, दलहनों का बिजाई क्षेत्र 13.44 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 16.56 लाख हेक्टेयर,

श्री अन्न सहित मोटे अनाजों का क्षेत्रफल 9.92 लाख हेक्टेयर से उछलकर 11.51 लाख हेक्टेयर तथा तिलहन फसलों का रकबा 8.77 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 9.16 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। 

दलहन फसलों के संवर्ग में मूंग का उत्पादन क्षेत्र 10.96 लाख हेक्टेयर से उछलकर 13.66 लाख हेक्टेयर तथा उड़द का बिजाई क्षेत्र 2.30 लाख हेक्टेयर से सुधरकर 2.71 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा जबकि अन्य दलहनों का क्षेत्रफल 18 हजार हेक्टेयर के पिछले स्तर पर बरकरार रहा।

इसी तरह मोटे अनाजों एवं श्री अन्न के परिवार में मक्का का उत्पादन क्षेत्र 5.32 लाख हेक्टेयर से उछलकर 6.85 लाख हेक्टेयर तथा ज्वार का क्षेत्रफल 31 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 42 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा मगर बाजरा का बिजाई क्षेत्र 4.11 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 4.08 लाख हेक्टेयर तथा रागी का रकबा 18 हजार हेक्टेयर से गिरकर 13 हजार हेक्टेयर पर अटक गया।

तिलहन फसलों में मूंगफली का उत्पादन  क्षेत्र 4.11 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 4.31 लाख हेक्टेयर, तिल का बिजाई क्षेत्र 4.18 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 4.43 लाख हेक्टेयर तथा सूरजमुखी का क्षेत्रफल 31 हजार हेक्टेयर से सुधरकर 36 हजार पर पहुंचा जबकि अन्य तिलहनों का रकबा 17 हजार हेक्टेयर से घटकर 6 हजार हेक्टेयर पर सिमट गया। 

ग्रीष्मकालीन फसलों की बिजाई फरवरी से आरंभ हुई थी और मध्य मई तक जारी रहने की संभावना है। मई में ही अगैती बिजाई वाली फसल की कटाई-तैयारी भी शुरू हो जाती है।