गन्ना का क्षेत्रफल 57.24 लाख हेक्टेयर पर पहुंचने का इस्मा का अनुमान

06-Aug-2025 10:45 AM

नई दिल्ली। हालांकि स्वदेशी चीनी उद्योग के शीर्ष संगठन- इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (इस्मा) ने 2025 के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर गन्ना के कुल उत्पादन क्षेत्र का जो अनुमान लगाया है वह सरकारी आंकड़े के अत्यन्त करीब है लेकिन वर्ष 2024 के आंकड़े में काफी भिन्नता है।

केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार 4 अगस्त 2025 तक गन्ना का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 57.30 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो गत वर्ष की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 55.70 लाख हेक्टेयर से 1.60 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। दूसरी ओर इस्मा का मानना है कि वर्ष 2024 में गन्ना का बिजाई क्षेत्र 57.11 लाख हेक्टेयर था जो इस बार 13 हजार हेक्टेयर सुधरकर 57.24 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है। 

ध्यान देने की बात है कि इस्मा के गन्ना बिजाई क्षेत्र पर अनुमान सैटेलाइट (उपग्रह) से प्राप्त चित्र पर आधारित होता है जबकि कृषि मंत्रालय का अनुमान विभिन्न राज्यों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर नियत किया जाता है। 2024-25 के सीजन में गन्ना की पैदावार काफी घट गई थी। 

इस्मा के नवीनतम आंकड़ों से ज्ञात होता है कि वर्ष 2024 की तुलना में 2025 के दौरान गन्ना का उत्पादन क्षेत्र महाराष्ट्र में 13.82 लाख हेक्टेयर से उछलकर 14.93 लाख हेक्टेयर तथा कर्नाटक में 6.40 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 6.76 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा

मगर दूसरी ओर इसका बिजाई क्षेत्र उत्तर प्रदेश में 23.30 लाख हेक्टेयर से घटकर 22.57 लाख हेक्टेयर, तमिलनाडु में 2.07 लाख हेक्टेयर से फिसलकर 2.05 लाख हेक्टेयर तथा गुजरात में 2.31 लाख हेक्टेयर से गिरकर 2.22 लाख हेक्टेयर रह गया।

देश के अन्य उत्पादक राज्यों में भी गन्ना का क्षेत्रफल वर्ष 2024 के 9.21 लाख हेक्टेयर से घटकर इस बार 8.71 लाख हेक्टेयर पर अटक गया। इन राज्यों में बिहार, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड,

मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना आदि शामिल है। इसके अलावा राजस्थान, उड़ीसा एवं छत्तीसगढ़ में भी सीमित क्षेत्रफल में गन्ना की खेती होती है। 

इस्मा और कृषि मंत्रालय द्वारा चालू वर्ष के लिए गन्ना के बिजाई क्षेत्र का दिया गया आंकड़ा पिछले साल से ज्यादा है और मौसम तथा मानसून की हालत भी काफी हद तक अनुकूल बनी हुई है

जिससे गन्ना की उपज दर एवं पैदावार एवं साथ-साथ चीनी की औसत रिकवरी दर में भी सुधार आने के आसार हैं। अगस्त का मौसम गन्ना की फसल के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।