गुजरात में खरीफ फसलों की बिजाई गत वर्ष से पीछे
17-Jun-2025 12:46 PM

अहमदाबाद। देश के पचिमी भाग में अवस्थित एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक राज्य- गुजरात में बारिश की कमी के कारण खरीफ फसलों की बिजाई पिछड़ रही है।
राज्य कृषि विभाग के नवीनतम साप्ताहिक आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वर्ष के दौरान 16 जून 2025 तक गुजरात में खरीफ फसलों का कुछ उत्पादन क्षेत्र 3.41 लाख हेक्टेयर पर अटक गया जो वर्ष 2024 की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 3.93 लाख हेक्टेयर से 52 हजार हेक्टेयर कम है।
अनाजी फसलों एवं दलहनों की खेती बहुत कम क्षेत्रफल में हुई है और मुख्यतः तिलहन फसलों तथा कपास की बिजाई के सहारे क्षेत्रफल इस स्तर तक पहुंचा है।
पिछले सप्ताह तक राज्य में दक्षिण-पश्चिम मानसून सक्रिय नहीं हुआ था और तापमान भी बहुत ऊंचा चल रहा था लेकिन अब वहां मानसून शीघ्र ही पहुंचने की संभावना है जिससे आगामी दिनों में अच्छी बारिश हो सकती है।
पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान गुजरात में अनाजी फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 345 हेक्टेयर से गिरकर 282 हेक्टेयर तथा दलहन फसलों का बिजाई क्षेत्र 369 हेक्टेयर से फिसलकर 232 हेक्टेयर पर अटक गया लेकिन तिलहन फसलों का क्षेत्रफल 93 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 1.23 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया। इसमें मुख्यतः मूंगफली की भागीदारी रही।
मूंगफली का रकबा 96,529 हेक्टेयर से उछलकर 1,22,471 हेक्टेयर पर पहुंचा जबकि सोयाबीन का रकबा 279 हेक्टेयर से घटकर 159 हेक्टेयर पर अटक गया।
नकदी या औद्योगिक फसलों में कपास का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 2,56,317 हेक्टेयर से घटकर इस बार 1,87,681 हेक्टेयर पर अटक गया। इससे संकेत मिलता है कि खरीफ फसलों की खेती में किसान इस बार काफी 'सेलेक्टिव' हो गए हैं। वहां तुवर का रकबा भी पीछे चल रहा है।