एथनॉल का उठाव कम होने तथा चीनी का एमएसपी स्थिर रहने पर गन्ना मूल्य भुगतान में होगी कठिनाई
29-Oct-2025 01:58 PM
नई दिल्ली। इंडियन शुगर एंड बायो एनर्जी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (इस्मा) ने चीनी उद्योग को एथनॉल के आवंटन में भारी कटौती किये जाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सरकार को आगाह किया है कि इससे डिस्टीलरीज की क्रियाशील क्षमता के उपयोग में कमी आएगी चीनी का डायवर्जन घट जाएगा,
चीनी के अधिशेष स्टॉक में बढ़ोत्तरी होगी और 2025-26 के मौजूदा मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर- सितम्बर) में गन्ना उत्पादकों का बकाया तेजी से बढ़ सकता है क्योंकि चीनी मिलें सही समय पर किसानों को गन्ना के मूल्य का भुगतान करने में सक्षम नहीं हो पाएंगी।
2025-26 के मार्केटिंग सीजन (नवम्बर-अक्टूबर) के लिए गन्ना से निर्मित एथनॉल का केवल 289 करोड़ लीटर का कोटा आवंटित किया गया है जो एथनॉल के कुल आवंटित कोटे का महज 28 प्रतिशत है। दूसरी ओर अनाज आधारित डिस्टीलरीज को 760 करोड़ लीटर या 72 प्रतिशत एथनॉल का कोटा आवंटित हुआ है।
चीनी उद्योग द्वारा 900 करोड़ लीटर से अधिक की क्षमता का निर्माण करने के लिए 40,000 रुपए से अधिक की विशाल धनराशि का निवेश किया गया है।
नीति आयोग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025-26 के मार्केटिंग सीजन तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण के लिए कुल 1016 करोड़ लीटर एथनॉल की आवश्यकता पड़ेगी और इसमें चीनी उद्योग का योगदान 550 करोड़ लीटर या 55 प्रतिशत का रह सकता है लेकिन जब कोटा ही बहुत कम मिलेगा तो उद्योग को उत्पादन बढ़ाने का प्रोत्साहन कैसे मिल पाएगा।
इस 289 करोड़ लीटर एथनॉल के निर्माण के लिए 34 लाख टन चीनी के डायवर्जन की आवश्यकता पड़ेगी जो उद्योग की कुल क्षमता के 50 प्रतिशत से भी कम है। इससे उद्योग में नकदी प्रवाह का संकट बढ़ेगा और गन्ना किसानों का भुगतान अटक जाएगा।
इस्मा का कहना है कि 2022-23 सीजन में 2025-26 के सीजन तक गन्ना का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 305 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 355 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया मगर गन्ना जूस एवं बी हैवी शीरा से निर्मित एथनॉल के बिक्री मूल्य में इस अवधि के दौरान कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई।
इतना ही नहीं बल्कि चीनी के एक्स फैक्टरी न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) में भी पिछले पांच-छह साल से कोई इजाफा नहीं किया गया है जबकि इसके लागत (उत्पादन) खर्च में काफी वृद्धि हो चुकी है। सरकार को इन बातों पर गम्भीरतापूर्वक ध्यान देना चाहिए।
