छोटी इलायची उत्पादन अधिक

21-Jul-2025 06:35 PM

तेजी की संभावना नहीं 

नई दिल्ली। उत्पादक केन्द्रों पर नए छोटी इलायची की आवक शुरू हो चुकी है और इस वर्ष पैदावार भी गत वर्ष की तुलना में अधिक होने के समाचार मिल रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि सट्टेबाजी के चलते छोटी इलायची का व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। उल्लेखनीय है कि गत दिनों सटोरियों पर सरकारी कार्यवाही होने के कारण ग्वालियर में सट्टेबाजी पर अंकुश लगा है। लेकिन वर्तमान में रायपुर में सट्टेबाजी जोरों पर चल रही है। सूत्रों का कहना है कि कुछ व्यापारियों द्वारा एक गुट बनाकर जब मन होता है भावों को तेज कर देते हैं और जब मन होता तब मन्दा कर देते हैं। जिस कारण से छोटा व्यापारी प्रभावित हो रहा है। 

पैदावार

चालू वित्त वर्ष के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्य केरल, तमिलनाडु में मौसम अभी तक फसल के अनुकूल रहने के कारण पैदावार गत वर्ष की तुलना में अधिक होने के समाचार मिल रहे हैं। सूत्रों का मानना है कि चालू सीजन के दौरान देश में छोटी इलायची का उत्पादन 28/30 हजार टन होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। जबकि गत वर्ष उत्पादन 23/25 हजार टन माना गया था। 

मन्दा-तेजी 

उत्पादक केन्द्रों पर नए मालों की आवक धीरे-धीरे बढ़ने एवं लोकल मांग कम होने के कारण वर्तमान में छोटी इलायची के भाव दबे हुए है। अभी हाल-फिलहाल कीमतों में तेजी की संभावना भी नहीं है। बशर्तें आगामी दिनों में भी मौसम फसल के अनुकूल रहे क्योंकि अगस्त माह में नए मालों की आवक जोरों पर होगी।  

निर्यात 

मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के दौरान छोटी इलायची का निर्यात 6727.80 टन का रहा और निर्यात से प्राप्त आय 156682 लाख रुपए की रही। जबकि वर्ष 2023-24 निर्यात 6168.13 टन का रहा और निर्यात से प्राप्त आय 99960 लाख रुपए की रही। 

आयात 

हालांकि देश में छोटी इलायची का उत्पादन पर्याप्त होना है लेकिन इसके बावजूद आयातक विदेशों से आयात करते हैं। क्योंकि विदेशों के मालों की क्वालिटी हल्की होने के कारण भातीय इलायची की तुलना में भाव कम होते है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 के दौरान छोटी इलायची का आयात 1318 टन का रहा। जबकि वर्ष 2023-24 में आयात 2552 टन का रहा था। वर्ष 2020-21 में आयात केवल 311 टन का रहा था।