चीनी बाजार में फिलहाल मिश्रित रुख रहने की संभावना

31-Oct-2025 11:11 AM

मुम्बई। यद्यपि खाद्य मंत्रालय ने नवम्बर माह के लिए महज 20 लाख टन चीनी की घरेलू बिक्री का कोटा निर्धारित किया है जो अक्टूबर के कोटा 24 लाख टन से 4 लाख टन तथा नवम्बर 2024 के लिए नियत कोटा 22 लाख टन से 2 लाख टन कम है लेकिन फिर भी इसके दाम में भारी उछाल आने की संभावना नहीं है।

इस बीच उत्तर प्रदेश में गन्ना का राज्य समर्थित मूल्य (सैप) भी 30 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ा दिया गया है जिससे चीनी के लागत खर्च में स्वाभाविक रूप से बढ़ोत्तरी हो जाएगी। घरेलू बाजार मूल्य पर इसका कुछ सकारात्मक असर पड़ना चाहिए। 

स्वदेशी उद्योग के पास चीनी का सीमित स्टॉक बचा हुआ है लेकिन 2025-26 के मौजूदा मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान इसके घरेलू उत्पादन में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है।

इस्मा का कहना है कि चीनी का औसत उत्पादन खर्च बढ़कर 4000 रुपए प्रति क्विंटल से ऊपर पहुंच गया है मगर इसका एक्स फैक्टरी न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) वर्ष 2019 से ही 3100 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर बना हुआ है। इस बीच गन्ना के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में नियमित रूप से बढ़ोत्तरी होती रही।  

सरकार ने गन्ना से निर्मित एथनॉल की आपूर्ति का कोटा सीमित कर दिया है जिससे मिलर्स को चीनी का उत्पादन बढ़ाना पड़ेगा। पहले 2025-26 के मार्केटिंग सीजन के दौरान एथनॉल निर्माण में 45-50 लाख टन चीनी के समतुल्य गन्ना अवयवों का इस्तेमाल होने का अनुमान लगाया जा रहा था मगर सरकार ने एथनॉल का जो कोटा नियत किया है

उसके उत्पादन के लिए महज 34 लाख टन चीनी की आवश्यकता पड़ेगी। देश में पीक त्यौहारी सीजन समाप्त हो चुका है और गुड़ के उत्पादन भी धड़ल्ले से होने लगा है इसलिए चीनी के दाम में मिश्रित रुख रहने की संभावना है।