बजट सत्र में सरल बीज कानून प्रस्तुत किए जाने के संकेत

31-Oct-2025 06:05 PM

नई दिल्ली। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने देशभर के किसानों को सिर्फ अनाजी फसलों के उत्पादन तथा स्वयं को सीमित नहीं रखने तथा समेकित कृषि पद्धति अपनाते हुए विभिन्न फसलों की खेती पर ध्यान केन्द्रित करने का सुझाव दिया है।

कृषि मंत्री ने कृषक समुदाय से अपने सुझावों को साझा करने की अपील करते हुए वादा किया कि उन विचारों-सुझावों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय नेशनल एफपीओ समागम 2025 को सम्बोधित करते हुए कृषि मंत्री ने किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) से देश के छोटे-छोटे किसानों के हितों में गम्भीरतापूर्वक काम करने और साथ ही साथ वर्ष-प्रतिवर्ष उसके कारोबार एवं लाभ में बढ़ोत्तरी सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

कृषि मंत्री ने पुनर्वास तथा क्वालिटी में सुधार लाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि सदस्य किसानों की आमदनी को उच्चतम स्तर तक बढ़ाया जा सके। 

कृषि मंत्री का कहना था कि बेहतर आमदनी (वापसी) सुनिश्चित करने के लिए सरकार एकीकृत कृषि पद्धति को बढ़ावा देगी और किसानों को मुख्य खेती के साथ-साथ मुर्गी पालन एवं पशु पालन तथा डेयरी जैसे सम्बद्ध क्षेत्र की गतिविधियों पर भी ध्यान केन्द्रित करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

इससे किसानों को विभिन्न स्रोतों से आमदनी हासिल होगी। उनका कहना था कि सिर्फ अनाज का उत्पादन करना ही पर्याप्त नहीं है बल्कि इसके साथ-साथ अन्य सम्बद्ध उपायों को अपनाना भी आवश्यक है। 

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि अगले बजट सत्र के दौरान संसद में एक सख्त बीज कानून का प्रस्ताव लाया जाएगा जो किसान हितैषी होगा।

इसमें बीज की क्वालिटी को रेग्युलेट करने के कठोर प्रावधान होंगे। अक्सर नकली या घटिया बीज से किसानों को भारी नुकसान होता है। सरकार इस पर अंकुश लगाना चाहती है।