अप्रैल-मई में उड़द, मसूर एवं तुवर का आयात बढ़ा
25-Jun-2025 04:41 PM

नई दिल्ली। हालांकि अप्रैल-मई 2024 की तुलना में अप्रैल-मई 2025 के दौरान दलहनों के आयात में मात्रा एवं मूल्य की दृष्टि से कुल मिलाकर काफी गिरावट दर्ज की गई जिसका प्रमुख कारण पीली मटर एवं देसी चना का आयात बहुत कम होना रहा लेकिन इस अवधि में उड़द, मसूर एवं तुवर के आयात में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।
बंदरगाह आंकड़ों के आधार पर मशहूर कृषि बाजार रिसर्च फर्म- आई ग्रेन इंडिया द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले चालू वित्त वर्ष के आरंभिक दो महीनों में यानी अप्रैल-मई 2025 के दौरान उड़द का आयात 1.393 लाख टन से सुधरकर करीब 1.50 लाख टन, मसूर का आयात 1.13 लाख टन से बढ़कर 1.37 लाख टन तथा अरहर (तुवर) का आयात 1.22 लाख टन से उछलकर 1.95 लाख टन पर पहुंच गया। मूंग के आयात पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
दूसरी ओर इसी अवधि के दौरान पीली मटर के आयात 6.86 लाख टन से लुढ़ककर 1.31 लाख टन तथा देसी चना का आयात 30 हजार टन से घटकर 16 हजार टन के करीब अटक गया।
उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2024-25 की सम्पूर्ण अवधि के दौरान देश में देसी चना का आयात उछलकर 15.06 लाख टन एवं तुवर का आयात बढ़कर 12.32 लाख टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था।
आई ग्रेन इंडिया के डायरेक्टर राहुल चौहान का मानना है कि 2024-25 की तुलना में 2025-26 के वित्त वर्ष के दौरान दलहनों का आयात कम होगा क्योंकि इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सुगम बनी हुई है और घरेलू पैदावार भी बेहतर होने के आसार हैं।
ध्यान देने की बात है कि सरकार ने तुवर, उड़द एवं पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा को 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है जबकि मसूर एवं चना पर महज 10 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाया है।
सरकार तो अपनी ओर से दलहनों के आयात को भरपूर नीतिगत प्रोत्साहन दे रही है मगर घरेलू प्रभाग में आयात संवर्धन के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं।