अमरीका में कालीमिर्च के आयात को शुल्क मुक्त बनाने का जोरदार प्रयास जारी
31-Oct-2025 04:09 PM
 
        कोच्चि । संयुक्त राज्य अमरीका (यूएसए) में कालीमिर्च की मांग काफी मजबूत बनी हुई है मगर आयात शुल्क काफी ऊंचा होने से आयातकों को इसे भारत से मंगाने में भारी कठिनाई हो रही है। वहां कालीमिर्च का उत्पादन नहीं होता है जबकि आयातित माल का खर्च ऊंचा बैठ रहा है जिससे आम उपभोक्ताओं की मुसीबत बढ़ गई है।
इंटरनेशनल पीपर कम्युनिटी (आईपीसी) को उम्मीद है कि भारत और अमरीका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता के लिए जारी वार्ता में कालीमिर्च के आयात को शुल्क मुक्त रखने के लिए कोई ठोस उपाय तलाश किया जाएगा। इससे दोनों देशों को राहत मिलेगी।
आईपीसी के कार्यकारी निदेशक का कहना है कि विभिन्न दूतावसों तथा अमरीकी व्यापार प्रतिनिधियों के साथ मिलकर अमरीकन स्पाइस ट्रेड एसोसिएशन (आस्टा) अमरीका में कालीमिर्च सहित अन्य मसालों को सीमा शुल्क के दायरे से मुक्त रखने के लिए जोरदार प्रयास कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देशों के मसालों एवं मसाला उत्पादों पर अमरीका में ऊंची दर का सीमा शुल्क लगा हुआ है।
यह सीमा शुल्क भारत के लिए 50 प्रतिशत, वियतनाम एवं श्रीलंका के लिए 20-20 प्रतिशत तथा इंडोनेशिया, मलेशिया एवं कम्बोडिया के लिए 19-19 प्रतिशत निर्धारित हुआ है।
भारतीय मसालों पर लगा आयात शुल्क अस्थायी है जिसे आगे घटाया जा सकता है। अन्य देशों के साथ भी अमरीका की बातचीत हो सकती है या द्विपक्षीय व्यापार समझौता हो सकता है।
अमरीका ने कुछ उत्पादों को ऐसी सूची में शामिल कर रखा है जो आयात शुल्क से छूट के लायक है। इसमें कालीमिर्च को खासतौर पर सम्मिलित किया गया है।
आईपीसी ने वर्ष 2025 के दौरान 5.20 लाख टन कालीमिर्च के वैश्विक उत्पादन का अनुमान लगाया है जो वर्ष 2025 के उत्पादन से कुछ कम है।
उत्पादन में गिरावट आने के बावजूद इसके आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सुगम बनी हुई है। अगले साल उत्पादन में कुछ सुधार आने का अनुमान लगाया गया है।
