अच्छी आपूर्ति एवं सामान्य कारोबार के कारण हल्दी की कीमतों में स्थिरता का माहौल

03-May-2025 01:25 PM

मुम्बई। प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण थोक मंडियों में हल्दी के नए माल की अच्छी आपूर्ति हो रही है मगर इसकी घरेलू एवं निर्यात मांग कुछ कमजोर देखी जा रही है

जिससे कीमतों में सीमित उतार-चढ़ाव के साथ लगभग स्थिरता का माहौल बना हुआ है। तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश के साथ-साथ महाराष्ट्र में भी हल्दी की भारी आवक हो रही है।

हल्दी की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सुगम बनी हुई है और मंडियों में 50 से 75 हजार बोरी के बीच इसकी औसत दैनिक आवक हो रही है। 

स्थानीय डीलर्स, दिसावरी व्यापारियों एवं निर्यातकों के साथ-साथ मसाला उत्पाद निर्माताओं की मांग भी हल्दी में पिछले कुछ समय से कमजोर चल रही थी जिससे इसकी कीमतों पर थोड़ा-बहुत दबाव देखा जा रहा था।

रमजान का समय समाप्त होने के बाद खाड़ी क्षेत्र के साथ-साथ अन्य मुस्लिम बहुल देशों में भी हल्दी का आयात घटने लगा। हाजिर बाजार में भाव नरम पड़ने से वायदा मूल्य में भी थोड़ी गिरावट आ गई। इससे उत्पादकों की आमदनी प्रभावित होने लगी और उन्होंने माल उतारना कम कर दिया।

महाराष्ट्र के एक प्रमुख उत्पादक एवं व्यापारिक केन्द्र- सांगली में चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान अप्रैल 2025 के अंत तक लगभग 7 लाख बोरी हल्दी की आवक हुई जो गत वर्ष की समान अवधि की लगभग 20 हजार बोरी कम रही।

प्रमुख उत्पादक मंडियों में माल की आपूर्ति का दबाव अब घटने लगा है जबकि उत्तरी भारत में लग्नसरा एवं मांगलिक उत्सवों का सीजन आरंभ हो गया है।

इससे घरेलू मांग में कुछ वृद्धि होने की उम्मीद है। यदि आयातक देशों में अच्छी मांग निकली तो हल्दी के दाम में आगे सुधार आने के आसार बढ़ जायेंगे। 

यद्यपि हल्दी का बिजाई क्षेत्र 2023-24 सीजन के मुकाबले 2024-25 के सीजन में करीब 10 प्रतिशत बढ़कर 3.30 लाख हेक्टेयर के आसपास पहुंच गया मगर बेमौसमी वर्षा से फसल को हुए नुकसान के कारण औसत उपज दर में कमी आ गई।

इसके फलस्वरूप हल्दी का उत्पादन पूर्व अनुमान से कम होने की संभावना है। महाराष्ट्र के नांदेड जैसे इलाकों में फसल को ज्यादा क्षति होने की खबर है। हल्दी की उपज दर में 10-15 प्रतिशत तक की गिरावट आने की आशंका है।

हल्दी का निर्यात प्रदर्शन कुल मिलाकर बेहतर चल रहा है। अप्रैल 2024 से जनवरी 2025 के दस महीनों में भारत से करीब 1.49 लाख टन हल्दी का शानदार निर्यात हुआ जो वित्त वर्ष 2023-24 की समान अवधि के शिपमेंट से लगभग 13 प्रतिशत अधिक रहा।

यद्यपि दिसम्बर 2024 की तुलना में जनवरी 2025 के दौरान हल्दी के निर्यात में 23.17 प्रतिशत की गिरावट आई मगर फिर भी यह जनवरी 2024 के मुकाबले 12.2 प्रतिशत ज्यादा रहा।

हल्दी के आयात में भी भारी बढ़ोत्तरी हुई है जिससे देश के अंदर इसकी उपलब्धता काफी बढ़ गई है। निजामाबाद मंडी में हल्दी का भाव 14,600 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास चल रहा है। निर्यात मांग पर आगे हल्दी का भाव निर्भर करेगा।