वियतनाम एवं पाकिस्तान में दाम घटने से सफेद चावल का वैश्विक कारोबार प्रभावित

05-Feb-2025 04:30 PM

नई दिल्ली । सफेद (कच्चे) चावल के दो महत्वपूर्ण निर्यातक देशों में भाव घटने से वैश्विक निर्यात बाजार में  अनिश्चितता का माहौल बन गया है और विदेशी आयातक बाजार मूल्य में स्थिरता आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इससे भारतीय निर्यातकों की कठिनाई भी बढ़ गई है।

निर्यातकों के मुताबिक वियतनाम एवं पाकिस्तान के निर्यातकों को अपने सफेद चावल के निर्यात ऑफर मूल्य में भारी कटौती करने के लिए विवश होना पड़ रहा है क्योंकि एक तो इसकी मांग काफी कमजोर पड़ गई है और दूसरे, डॉलर के मुकाबले उसकी मुद्रा की विनिमय दर में भारी गिरावट आ गई है। 

वियतनाम में चावल का दाम घटकर पिछले चार वर्षों के निचले स्तर पर आ गया है जिससे वैश्विक बाजार में अनिश्चितता का वातावरण बना हुआ है। इससे भारत के लिए भी स्थिति कठिन हो रही है और यहां भी सफेद चावल का भाव कफी हद तक स्थिर होने से भारत को राहत मिल रही है।

वियतनाम और पाकिस्तान भारत के हाथों अपने बाजार की भागीदारी गंवाना नहीं चाहते हैं इसलिए अपने चावल का दाम घटा रहे हैं।

भारत सरकार ने जब से सफेद चावल के व्यापारिक निर्यात को खोलने का निर्णय लिया तभी से वियतनाम की मुसीबत बढ़ने लगी। फिलीपींस तथा इंडोनेशिया जैसे वियतनामी चावल के परम्परागत आयात देश भी भारतीय चावल की तरफ आकर्षित होने लगे हैं। स्वयं वियतनाम में सस्ते भारतीय चावल का आयात शुरू हो गया।

वियतनामी बंदरगाहों पर पुराने अनुबंध वाले चावल का विशाल स्टॉक मौजूद है जिसका शिपमेंट अभी तक लंबित पड़ा है। समीक्षकों का कहना है कि वियतनाम के चावल निर्यातक लम्बे समय तक चावल के दाम को नीचे नहीं रख सकते हैं क्योंकि इससे स्थानीय उत्पादक को भारी नुकसान हो सकता है। 

थाईलैंड के 5 प्रतिशत टूटे सफेद चावल का भाव 438 डॉलर प्रति टन, वियतनाम के चावल का दाम 410 डॉलर प्रति टन, भारत के चावल का निर्यात ऑफर मूल्य 420 डॉलर प्रति टन तथा पाकिस्तान के 5 प्रतिशत टूटे चावल का भाव 415 डॉलर प्रति टन चल रहा है।

इसी तरह 25 प्रतिशत टूटे सफेद चावल का निर्यात ऑफर मूल्य थाईलैंड में 415 डॉलर प्रति टन, वियतनाम में 385 डॉलर, भारत में 405 डॉलर तथा पाकिस्तान में 360-395 डॉलर प्रति टन बताया जा रहा है।