कपास के उत्पादन में गुजरात की अग्रता बरकरार

05-Feb-2025 05:52 PM

नई दिल्ली । गुजरात देश में कपास का सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य बना हुआ है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के दौरान देश के इस पश्चिमी प्रान्त में 90.57 लाख गांठ (170 किलो की प्रत्येक गांठ) कपास का उत्पादन हुआ जो अन्य राज्यों से ज्यादा रहा।

केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री के अनुसार 2023-24 के मार्केटिंग सीजन में राष्ट्रीय स्तर पर सरकारी एजेंसी- भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 32.84 लाख गांठ कपास की खरीद की गई जिसमें से 31.80 लाख गांठ की बिक्री 27 जनवरी 2025 तक हो गई।

घरेलू प्रभाग में बेहतर मूल्य प्राप्त होने तथा विदेशी बिक्री में 'पड़ता' बैठने के कारण सरकारी रूई का निर्यात नहीं किया गया। कपास (रूई) के निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं लगा हुआ है और न ही भारत सरकार विदेशों से इसका आयात करती है।

कृषि राज्य मंत्री के अनुसार प्राइवेट व्यापारियों द्वारा रूई का आयात-निर्यात किया जाता है। कपास की कीमतों को स्थिर रखने के लिए जरुरी प्रयास किए जाते हैं। 

2023-24 के मार्केटिंग सीजन के लिए कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य मीडियम रेशे वाली किस्मों के लिए 6620 रुपए प्रति क्विंटल तथा लम्बे रेशे वाली श्रेणी के लिए 7020 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था जिसे 2024-25 के मार्केटिंग सीजन के लिए बढ़ाकर क्रमश: 7121 रुपए प्रति क्विंटल एवं 7521 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।

2023-24 के सीजन में गुजरात में 90.5 लाख गांठ, महाराष्ट्र में 80.4 लाख, तेलंगाना में 50.7 लाख, राजस्थान में 26.2 लाख, कर्नाटक में 20.5 लाख, मध्य प्रदेश में 18 लाख, हरियाणा में 15 लाख, आंध्र प्रदेश में 7.37 लाख, उड़ीसा में 7.04 लाख, पंजाब में 6.28 लाख तथा तमिलनाडु में 2.51 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ

जबकि अन्य राज्यों में 27 हजार गांठ के साथ राष्ट्रीय स्तर पर कुल 325 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ। इससे पूर्व 2022-23 के सीजन में 336.60 लाख गांठ तथा 2021-22 के सीजन में 311.18 लाख गांठ कपास का घरेलू उत्पादन आंका गया था।