उत्तर प्रदेश में गन्ना के सैप की घोषणा जल्दी ही होने की उम्मीद

05-Feb-2025 07:49 PM

लखनऊ । देश में गन्ना के सबसे प्रमुख तथा चीनी के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य - उत्तर प्रदेश में यद्यपि 2024-25 का क्रशिंग सीजन चार माह पूर्व ही आरंभ हो गया था लेकिन गन्ना के लिए 'राज्य समर्थित मूल्य' (सैप) की घोषणा अभी तक नहीं हुई है।

समझा जाता है कि राज्य मंत्रिमंडल की पिछली बैठक में सैप पर निर्णय लिया जाना था लेकिन ऐसा नहीं हो सका। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार गन्ने का राज्य परामर्श मूल्य नियत करने का फैसला जल्दी ही हो जाएगा।

किसानों द्वारा राज्य सरकार से गन्ना का सैप बढ़ाकर कम से कम 400 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित करने की मांग की जा रही है। 

उल्लेखनीय है कि 2023-24 सीजन के दौरान उत्तर प्रदेश में गन्ना का सैप 20 रुपए बढ़ाकर अगैती किस्मों के लिए 370 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया था मगर 2024-25 सीजन के लिए अभी तक इसकी घोषणा नहीं हुई है।

राज्य का चीनी उद्योग सरकार से सैप के मामले में यथास्थिति बरकरार रखने का आग्रह कर रहा है। दरअसल गन्ना का सैप पहले ही बढ़ाकर पंजाब में 401 रुपए प्रति क्विंटल तथा हरियाणा में 400 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया जा चुका है इसलिए उत्तर प्रदेश के किसान भी इसी तरह के सैप की मांग कर रहे हैं।

दिलचस्प तथ्य यह है कि उत्तर प्रदेश में पिछले सात वर्षों के दौरान केवल तीन बार गन्ना के सैप में क्रमश: 10 रुपए, 25 रुपए एवं 20 रुपए के साथ कुल 55 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा किया गया जबकि चार सीजन के दौरान इसमें कोई वृद्धि नहीं की गई।

उत्तर प्रदेश के मिलर्स बार-बार सरकार से यह कहकर गन्ना के सैप को नहीं बढ़ाने का आग्रह करते रहे कि गन्ना से चीनी की औसत रिकवरी दर में कमी आ रही है और चीनी का उत्पादन खर्च काफी बढ़ गया है

जबकि उसके अनुरूप बाजार मूल्य में इजाफा नहीं हुआ है। चीनी के एक्सफैक्टरी न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) में भी पिछले पांच साल से कोई वृद्धि नहीं की गई है।