विधानसभा चुनाव वाले राज्यों का खाद्यान्न स्टॉक में रहता है महत्वपूर्ण योगदान

12-Oct-2023 03:00 PM

नई दिल्ली । देश के पांच राज्यों- मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना एवं मिजोरम में अगले महीने यानी नवम्बर 2023 में विधानसभा का चुनाव होने वाला है जिसके कार्यक्रमों की विधिवत घोषणा हो चुकी है।

इसमें शुरूआती चार राज्यों का खाद्यान्न के उत्पादन एवं स्टॉक में महत्वपूर्ण योगदान रहता है। मध्य प्रदेश में गेहूं, चना, उड़द एवं मसूर के साथ-साथ सोयाबीन एवं धान-चावल का उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है।

इसी तरह केन्द्रीय बफर स्टॉक में चावल का योगदान देने में छत्तीसगढ़ एवं तेलंगाना अग्रिम पंक्ति में शामिल है। राजस्थान में गेहूं, चना, मूंग, जौ एवं सरसों का भारी उत्पादन होता है।

हाल के वर्षों में मध्य प्रदेश में गेहूं तथा तेलंगाना में चावल की सरकारी खरीद में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई। वैसे पिछले दो साल के दौरान अन्य राज्यों की भांति वहां भी गेहूं की सरकारी  खरीद में कमी आई। 

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर इन राज्यों में गेहूं, धान, चना एवं सरसों की भारी खरीद होने से किसानों को आकर्षक आमदनी प्राप्त होती है जबकि सरकार को भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) तथा अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत चावल एवं गेहूं की आपूर्ति करने में सहायता मिलती है।

दलहन-तिलहन की कीमतों को संतुलित रखने के लिए इसकी सरकारी खरीद की जाती है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश सोयाबीन, चना एवं मसूर तथा राजस्थान सरसों, मूंग एवं जौ का सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त है। 

खरीफ सीजन के दौरान इन प्रांतों में धान, सोयाबीन, मूंग एवं उड़द आदि का विशाल उत्पादन होता है। शीघ्र ही वहां नई फसल की आवक शुरू होने वाली है। चुनावी माहौल के बीच किसान नवम्बर में अपने कृषि उत्पादों की बिक्री में व्यस्त रहेंगे।