विशाल आयात एवं बेहतर उत्पादन की उम्मीद से मसूर की कीमतों में स्थिरता
20-Nov-2023 05:05 PM
नई दिल्ली । रबी सीजन की एक महत्वपूर्ण दलहन फसल- मसूर की बिजाई में अच्छी प्रगति हो रही है और इसके क्षेत्रफल में एक बार फिर बढ़ोत्तरी होने के आसार हैं। मौसम की हालत अनुकूल होने से फसल का विकास भी संतोषजनक ढंग से हो रहा है।
उधर ऑस्ट्रेलिया और कनाडा से विशाल मात्रा में मसूर का आयात हो रहा है जिससे घरेलू प्रभाग में इसकी आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति सुगम बनी हुई है और कीमतों में काफी हद तक स्थिरता देखी जा रही है।
सरकार ने इस बार मसूर के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भी अच्छी बढ़ोत्तरी की है जिससे इसकी खेती के प्रति किसानों का उत्साह एवं आकर्षण बढ़ने के आसार हैं।
हालांकि पिछले साल के मुकाबले चालू वर्ष के दौरान कनाडा तथा ऑस्ट्रेलिया में मसूर के उत्पादन में गिरावट आई है लेकिन फिर भी भारत की मांग को पूरा करने में कठिनाई नहीं होगी। आगामी कुछ समय तक मसूर का भाव सीमित उतार-चढ़ाव के साथ एक निश्चित दायरे में स्थिर रहने की संभावना है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार मसूर दाल का औसत थोक बाजरा भाव 19 नवम्बर 2023 को 8397.10 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया जो 19 अक्टूबर 2023 के मूल्य 8389.27 रुपए प्रति क्विंटल से 0.09 प्रतिशत अधिक तथा 19 नवम्बर 2022 को प्रचलित भाव 8571.02 रुपए प्रति क्विंटल से 2.03 प्रतिशत कम है।
इसी तरह मसूर दाल का औसत खुदरा मूल्य 19 नवम्बर 2023 को 94.46 रुपए प्रति किलो रहा जो 19 अक्टूबर 2023 को प्रचलित भाव 94.30 रुपए प्रति किलो से 0.17 प्रतिशत ऊपर मगर 19 नवम्बर 2022 के भाव 95.96 रुपए प्रति किलो से 1.56 प्रतिशत नीचे था।
मसूर के प्रमुख उत्पादक राज्यों में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार एवं पश्चिम बंगाल शामिल हैं जबकि कुछ अन्य राज्यों में भी इसकी खेती होती है। मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश का सीमावर्ती बुंदेलखंड संभाग मसूर के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।