अनुकूल मौसम के सहारे कृषि क्षेत्र की विकास दर बेहतर रहने की उम्मीद
15-Jan-2025 07:27 PM
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री के मुख्य सचिव ने कहा है कि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारतीय कृषि क्षेत्र की विकास दर मजबूत रहेगी क्योंकि दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन के दौरान देश में अच्छी बारिश हुई और मौसम की हालत भी काफी हद तक अनुकूल बनी रही।
उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र की विकास दर घटकर मात्र 14 प्रतिशत रह गई थी लेकिन 2024-25 में इसके बढ़कर 3.50-4.00 प्रतिशत पर पहुंच जाने के आसार हैं।
मुख्य सचिव के अनुसार वर्ष 2016-17 से 2022-23 के बीच कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों की औसत वार्षिक विकास दर 5 प्रतिशत के करीब दर्ज की गई जब पशुधन एवं मत्स्य पालन के क्षेत्र में शानदार इजाफा हुआ था।
कोरोना काल में भी इसकी वृद्धि दर मजबूत बनी रही जिससे देश के सकल आर्थिक विकास को मजबूत सहयोग-समर्थन प्राप्त हुआ।
लेकिन मुख्य सचिव का कहना है कि दलहन एवं तिलहन के उत्पादन में चुनौतियां अभी मौजूद है और इसलिए इस दिशा में अधिक से अधिक प्रयास किए जाने की जरूरत है।
हालांकि पिछले एक दशक के दौरान दलहनों का घरेलू उत्पादन 140 लाख टन से उछलकर 240-250 लाख टन पर पहुंच गया लेकिन फिर भी वह घरेलू मांग एवं जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त साबित नहीं हुआ।
इस क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास पर काफी जोर दिया जा रहा है जिससे आगामी वर्षों में उत्पादन तेज गति से बढ़ने की उम्मीद है।
जहां तक तिलहन फसलों का सवाल है तो हाल के वर्षों में इसके भी घरेलू उत्पादन में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है और पैदावार में नियमित रूप से वृद्धि का सिलसिला बरकरार रखने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिसका सार्थक परिणाम आगामी वर्षों में सामने आने की उम्मीद है।
खाद्य तेलों के विशाल आयात को घटाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके आयात पर अत्यन्त भारी-भरकम बहुमूल्य विदेशी मुद्रा खर्च हो रही है।