धार संभाग में मौसम अनुकूल नहीं होने से गेहूं फसल के विकास में बाधा

03-Jan-2024 08:42 PM

धार । मध्य प्रदेश के कुछ भागों में ठंड या शीत लहर का अभाव होने, मौसम गर्म एवं शुष्क रहने तथा कीड़ों रोगों का प्रकोप बढ़ने से गेहूं फसल का विकास बाधित हो रहा है जिससे किसानों की चिंता बढ़ने लगी है।

इसमें धार संभाग भी शामिल है। पिछले एक माह से वहां मौसम में बदलाव हो रहा है जबकि 25 दिसंबर 2023 से ठंडे मौसम का असर नियमित रूप से घटता जा रहा है।

इसके फलस्वरूप खेतों की मिटटी में नमी घटती जा रही है और वहां गेहूं, चना तथा मक्की की फसल कुंठित होने लगी है। नवम्बर के अंत तक वहां 50 प्रतिशत क्षेत्र में गेहूं एवं चना की बिजाई हो गई थी जिसकी फसल को अब ठंडे मौसम की जरूरत है। लेकिन इसके बजाए वहां अच्छी धूप खिली रहती है जिससे ठंड का असर कम होता जा रहा है। 

मौसम की हालत पूरी तरह अनुकूल नहीं होने से किसानों को इस संभाग में गेहूं तथा चना का उत्पादन कमजोर रहने की आशंका है। उत्पादकों के अनुसार पिछले साल के मुकाबले चालू सीजन में ठंड का प्रभाव बहुत कम देखा जा रहा है।

दिसम्बर 2023 में भी ठंड का अत्यन्त सीमित असर रहा और इसलिए गेहूं, चना तथा मक्का की फसल पर कीड़ों-रोगों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है।

अनेक किसान फसलों पर चार-पांच बार कीटनाशी दवाओं का छिड़काव कर चुके हैं लेकिन फिर भी कीड़ों-रोगों का पूरी तरह सफाया नहीं हो सका है।

मक्का की फसल पर कैटर पिलर कीट का गंभीर प्रकोप है जिसे घटाने या खत्म करने के लिए आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं। मौसम में होने वाले बदलाव को कीड़ों-रोगों के आघात एवं प्रकोप का मुख्य कारण माना जा रहा है।

मध्य प्रदेश में रबी सीजन के दौरान गेहूं तथा चना की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है और वहां इसका उत्पादन भी विशाल होता है। इसके फलस्वरूप पंजाब के बाद मध्य प्रदेश केन्द्रीय पूल में गेहूं का योगदान देने वाला दूसरा सबसे प्रमुख राज्य बन गया है।