साप्ताहिक समीक्षा-लालमिर्च

07-Sep-2024 05:21 PM

प्रतिकूल मौसम के चलते लालमिर्च बिजाई में विलम्ब     

नई दिल्ली। लालमिर्च के प्रमुख उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में लगातार हो रही बारिश के कारण लालमिर्च की बिजाई में विलम्ब हो रहा है। पूर्व में की गई बिजाई को भी नुकसान हुआ है। किसानों को अब दोबारा से बिजाई करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि भाव गत वर्ष की तुलना में कम होने के कारण इस वर्ष मध्य प्रदेश के अलावा आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में भी लालमिर्च की बिजाई का क्षेत्रफल गत वर्ष की तुलना में 30/35 प्रतिशत कम रहने की संभावना है। अभी तक आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में मौसम खुला नहीं है। अगर आगामी दिनों में भी मौसम-बारिश का रहता है तो बिजाई का क्षेत्रफल ओर घट सकता है। बिजाई में विलम्ब होने के करने नए मालों की आवक में भी लगभग 1 माह का विलम्ब होगा। 

भाव तेज 

चालू सप्ताह के दौरान लालमिर्च के दाम मजबूती के साथ बोले गए है। हालांकि उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर आवक संतोषजनक रही लेकिन हल्की क्वालिटी के मालों की अधिकता होने के कारण डीलक्स मालों की कीमतों में तेजी रही। गुंटूर मंडी में तेज क्वालिटी का भाव 185 रुपए से मजबूती के साथ 188 रुपए पर बोला गया। जबकि लगातार बारिश होने के कारण खम्मम मंडी का 4 दिन के लिए बंद रखा गया है। वारंगल में भी सप्ताह के अंत में तेजा क्वालिटी का भाव 182 रुपए पर बोला गया। जबकि सप्ताह के शुरू में भाव 175 रुपए खुला था।

मन्दा तेजी 

जानकार सूत्रों का कहना है कि लालमिर्च को वर्तमान कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है। मगर इसका मतलब यह नहीं है कि एक तरफा बाजार में तेजी बनेगी। आगामी दिनों में भाव 5/10 रुपए प्रति किलो मंदा-तेजी के बीच बने रहने चाहिए। सूत्रों का कहना है कि हालांकि यह सच है कि इस वर्ष उत्पादक केन्द्रों पर लालमिर्च की बिजाई कम क्षेत्रफल पर की गई है लेकिन गत वर्ष रिकॉर्ड पैदावार के कारण उत्पादक केन्द्रों पर लालमिर्च का स्टॉक पर्याप्त जमा है। अधिक स्टॉक के कारण ही वर्तमान में मंडियों में लालमिर्च की भरपूर आवक हो रही है।

स्टॉक अधिक 

प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में गुंटूर मंडी लालमिर्च का स्टॉक 50/55 लाख बोरी होने के अनुमान लगाया जा रहे है जबकि गत वर्ष इसी समयावधि में स्टॉक 38/40 लाख बोरी का था। तेलंगाना में स्टॉक गत वर्ष के 18/20 लाख बोरी की तुलना में 28/30 लाख बोरी होने के समाचार है। खपत केन्द्रों पर भी लालमिर्च का स्टॉक गत वर्ष की तुलना में अधिक है। 

मध्य प्रदेश 

जानकार सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश की मंडियों में नए लालमिर्च की आवक आगामी माह में शुरू हो जाएगी। लेकिन उत्पादन गत वर्ष की तुलना में कम रहेगा। क्योंकि बिजाई कम रहने के पश्चात गत दिनों हुई बारिश में भी फसल का  नुकसान हुआ है। अनुमान व्यक्त किया जा रहा है कि इस वर्ष मध्य प्रदेश में लालमिर्च का उत्पादन 32/35 लाख बोरी होने के पूर्वानुमान लगाए जा रहे हैं जबकि गत वर्ष उत्पादन 40/42 लाख बोरी का माना गया था। 

भाव गत वर्ष से कम 

वर्तमान में लालमिर्च के भाव गत वर्ष की तुलना में लगभग 50/55 रुपए प्रति किलो नीचे चल रहे है। गत वर्ष सितम्बर माह के शुरू में गुंटूर मंडी में लालमिर्च तेजा का भाव 250 रुपए एवं खम्मम मंडी में 245 रुपए प्रति किलो चल रहा था। जबकि वारंगल में भाव 240 रुपए बोला जा रहा था। वर्तमान में गुंटूर मंडी में तेजा का भाव 188 रुपए एवं खम्मम में 194 रुपए चल रहा है। वारंगल में तेजा का भाव 182 रुपए बोला जा रहा है। वर्तमान में निर्यातकों की मांग भी कम चल रही है। 

निर्यात घटा 

चीन की कमजोर मांग के अलावा बांग्लादेश की सीमित लिवाली होने के कारण लालमिर्च के निर्यात में गिरावट दर्ज की गई है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-मई 2024 में लालमिर्च का निर्यात 78756.48 टन का किया गया है। जबकि अप्रैल-मई 2024 में निर्यात 103485.44 टन का किया गया था। वर्ष 2023-24 में लालमिर्च का कुल निर्यात 601084 टन का किया गया था। वर्ष 2022-23 में निर्यात 524017 टन एवं वर्ष 2021-22 में 649815 टन का निर्यात हुआ था।