साप्ताहिक समीक्षा-जीरा

22-Feb-2025 08:43 PM

जीरा उत्पादन गत वर्ष से कम मगर अभी तेजी नहीं 


नई दिल्ली। चालू सप्ताह के दौरान जीरा कीमतों में नरमी रही। उल्लेखनीय है कि चालू माह में शुरू निर्यातकों की लिवाली बढ़ने के कारण जीरा कीमतों में 5/7 रुपए प्रति किलो की तेजी बन गई थी लेकिन वर्तमान में निर्यातकों की लिवाली घटने एवं प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात की मंडियों में नए मालों की आवक धीरे-धीरे बढ़ने के कारण चालू सप्ताह के दौरान कीमतों में गिरावट बनी रही। अभी हाल-फिलहाल कीमतों में तेजी की संभावना भी नहीं है। क्योंकि मार्च माह के दौरान गुजरात की मंडियों में आवक का दबाव बनेगा। जबकि अप्रैल माह में राजस्थान की मंडियों में आवक बढ़ने लगेगी। देश में जीरा उत्पादन गुजरात एवं राजस्थान में होता है। आमतौर पर गुजरात की मंडियों में जनवरी माह में नए जीरे की आवक शुरू हो गयी थी और फरवरी माह में आवक अच्छी होती रही लेकिन बिजाई में देरी होने के कारण आवक में भी 15/20 दिन का विलम्ब हुआ है। जानकार सूत्रों का कहना है कि हालांकि उत्पादक केन्द्रों पर जीरा बिजाई संतोषजनक हुई है। लेकिन बिजाई के समय अधिक तापमान एवं वर्तमान में कटाई के समय भी अधिक तापमान होने के कारण क्वालिटी एवं प्रति हेक्टेयर उत्पादकता प्रभावित होने की आशंका है। जिस कारण से जीरा उत्पादन गत वर्ष की तुलना में कम माना जा रहा है। गुजरात में जीरा कटाई का कार्य जोरों पर है लेकिन राजस्थान में मार्च-अप्रैल में कटाई का कार्य शुरू होगा। राजस्थान वर्तमान में तापमान बढ़ने के अलावा हवाए भी चल रही है। जिस कारण से राजस्थान में नुकसान अधिक होने के अनुमान लगाए जा रहे है।

आवक कम

प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात की मंडियों में जीरे की आवक गत वर्ष की तुलना में काफी कम चल रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रमुख मंडी ऊंझा में आज नए जीरे की आवक 3000 बोरी की रही जबकि गत वर्ष इसी समयावधि में आवक 20/21 हजार बोरी की हो रही थी। मार्च माह में आवक जोरों पर होगी। तत्पश्चात अप्रैल में राजस्थान की जोधपुर, नागौर, मेड़ता, नोखा मंडी में आवक बढ़नी शुरू हो जाएगी। 

उत्पादन 

प्रतिकूल मौसम के चलते इस वर्ष देश में जीरा उत्पादन गत वर्ष की तुलना में कम रहने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष रिकॉर्ड बिजाई होने के कारण वर्ष 2024 के दौरान जीरा का रिकॉर्ड उत्पादन 1/1.05 करोड़ बोरी का हुआ था। मगर चालू  वित्त वर्ष के दौरान उत्पादन 70/80 लाख बोरी होने के अनुमान लगाए जा रहे है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष गुजरात में जीरा उत्पादन के अनुमान 45/47 लाख बोरी एवं राजस्थान 55/57 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 55 किलो) के लगाए गए थे। वर्ष 2023 में जीरा उत्पादन 55/60 लाख बोरी का रहा था और जीरा का रिकॉर्ड भाव 62000/63000 रुपए का बन गया था।

मन्दा-तेजी 

जानकार सूत्रों का कहना है कि हाल-फिलहाल जीरा कीमतों में अधिक तेजी की संभावना नहीं है। नए मालों की आवक जारी रहने तक कीमतों में 3/5 रुपए प्रति किलो का मन्दा-तेजी चलता रहेगा। वर्तमान में गुजरात की मंडियों में एवरेज क्वालिटी जीरा के भाव 3800/4100 रुपए प्रति 20 किलो के चल रहे है। जबकि नई फसल 2025 का निर्यात भाव 4150 रुपए प्रति 20 किलो 15 मार्च डिलीवरी एवं फुल मार्च का भाव 4050 रुपए बोला जा रहा। जबकि 2024 की फसल का हाजिर भाव 4100/4125 रुपए चल रहा है। अगाऊ सौदे नीचे भावों पर होने के कारण बाजार में धारणा नरमी की बनी हुई है। जिस कारण से अभी कीमतों में गिरवाट रहने की संभावना है। नए मालों की आवक घटने पर कीमतों में सुधार हो सकता है। लेकिन अधिक मंदा-तेजी का अनुमान जून-जुलाई माह में आने वाली टर्की, सीरिया की फसल पर निर्भर करेगा। 

निर्यात अधिक 

गत सीजन में जीरे के दाम नीचे रहने के कारण निर्यात में शानदार वृद्धि दर्ज की गई है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-नवम्बर- 2024 के दौरान जीरा का निर्यात 159201.35 टन का हुआ है। जबकि गत वर्ष अप्रैल-नवम्बर - 2024 के दौरान निर्यात 93502.35 टन का रहा था। निर्यात में शानदार 70 प्रतिशत की वृद्धि रही है। दिसम्बर 2024 में निर्यात 20278 टन का रहा जबकि दिसम्बर 2023 में निर्यात 13725 टन का हुआ था। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021-22 के दौरान जीरा का निर्यात 298423 टन का रहा था।