साप्ताहिक समीक्षा-जीरा
28-Jun-2025 08:14 PM

जीरा कीमतों में तेजी : अधिक मंदे की संभावना नहीं
नई दिल्ली। चालू सप्ताह के दौरान जीरा कीमतों में तेजी रही। उत्पादक केन्द्रों पर कमजोर आवक एवं निर्यातकों की बढ़ती लिवाली के चलते हाजिर एवं वायदा बाजारों में तेजी रही। वायदा बाजार में जुलाई माह का जीरा 18850 रुपए खुलने के पश्चात सप्ताह के अंत में 20095 रुपए पर बंद हुआ है। जबकि अगस्त माह का जीरा 19070 रुपए खुला था। और सप्ताह के अंत में 20215 रुपए पर बंद हुआ। निर्यात का भाव भी सप्ताह के अंत में 4100 रुपए प्रति 20 किलो बोला गया जोकि एक सप्ताह पूर्व 3900 रुपए बोला जा रहा था।
आवक कम
लगातार गिरती कीमतों एवं कुल उत्पादन का अधिकांश माल मंडियों में आ जाने के कारण मंडियों में दैनिक आवक घट गई है। प्रमुख मंडी ऊंझा में आवक घटकर 7/8 हजार बोरी की रह गई है जबकि राजकोट एवं गोंडल में आवक 500/600 बोरी की रह गई है। वर्तमान में गुजरात की सभी मंडियों में जीरे की दैनिक आवक 12/13 हजार बोरी की रह गई है।
राजस्थान की मंडियों में भी आवक घट रही है। प्रमुख मंडी मेडता एवं नागौर में आवक 1200/1500 बोरी की चल रही है जबकि जोधपुर एवं नोखा मंडी में आवक 700/800 बोरी की रह गई है।
अभी तक आवक
जानकार सूत्रों का कहना है कि चालू सीजन में गुजरात की मंडियों में अभी तक जीरे की कुल आवक 37/38 लाख बोरी की हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष गुजरात में जीरे की पैदावार 42/45 लाख बोरी की मानी गई है। राजस्थान की मंडियों में अभी तक कुल आवक 25/26 लाख बोरी होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। इस वर्ष राजस्थान में जीरे की पैदावार 48/50 लाख बोरी मानी जा रही है। एक अनुमान के अनुसार चालू सीजन के लिए उत्पादक केन्द्रों पर बिजाई के क्षेत्रफल में कमी आने के कारण इस वर्ष देश में जीरा उत्पादन 90/92 लाख बोरी होने के समाचार है जबकि गत वर्ष उत्पादन 1.10 करोड़ बोरी का रहा था।
विदेशों में उत्पादन
भारत वर्ष के अलावा जीरे का उत्पादन चीन, टर्की, सीरिया एवं अफगानिस्तान में भी होता है। सूत्रों का कहना है कि हालांकि पूर्व में चीन में जीरा उत्पादन के अनुमान लगभग 1 लाख के लगाए जा रहे थे। लेकिन प्रतिकूल मौसम के कारण वर्तमान में उत्पादन अनुमान 70/80 हजार टन के लगाए जाने लगे हैं। इसके अलावा सीरिया में उत्पादन 9/10 हजार टन एवं टर्की में 10/11 हजार टन होने की संभावना है। अफगानिस्तान में भी उत्पादन 10/12 हजार माना जा रहा है।
मन्दा-तेजी
जानकारों के मानना है कि विगत एक सप्ताह के दौरान कीमतों में 900/1000 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई है अभी बाजार भाव 400/500 रुपए और बढ़ सकते हैं। तत्पश्चात बाजार में मुनाफावसूली बिकवाली आ सकती है और भाव अल्पकाल के लिए घट सकते हैं मगर अगस्त माह के दौरान कीमतों में अच्छी तेजी आने की संभावना है। अनुमान लगाया जा रहा है। अगस्त-सितम्बर माह में जीरा का निर्यात भाव 4500 रुपए प्रति 20 किलो बन जाना चाहिए। जबकि वर्तमान में भाव 4100 रुपए चल रहा है।
निर्यात अधिक
गत सीजन देश में अधिक पैदावार के कारण जीरे के भाव मंदे रहे जिस कारण से जीरा निर्यात में 39 प्रतिशत की शानदार वृद्धि दर्ज की गई। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024-25 (अप्रैल-मार्च) के दौरान जीरा निर्यात 229881.67 टन का रहा और निर्यात से प्राप्त आय 6178.86 करोड़ की रही। जबकि वर्ष 2023-24 में निर्यात 165269.45 टन का हुआ था और निर्यात से प्राप्त आय 5797.23 करोड़ की रही।