साप्ताहिक समीक्षा-हल्दी

23-Sep-2023 01:44 PM

हल्दी की कीमतों में गिरावट मगर अधिक मंदा नहीं                        
नई दिल्ली । चालू सप्ताह हल्दी की कीमतों में गिरावट रही। हालांकि उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर वर्तमान में हल्की क्वालिटी के मालों की आवक हो रही है अधिकांश माल डंकी आ रहा है। इसके अलावा गत दिनों उत्पादक केन्द्रों पर हुई बारिश से भी फसल को लाभ मिला है। जिस कारण से लोकल मांग प्रभावित हुई है। सूत्रों का मानना है कि अगर आगामी दिनों में भी फसल को पर्याप्त पानी मिलता रहा तो हाल-फिलहाल तेजी की कोई संभावना नहीं है। प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में वर्तमान में फसल को पानी की आवश्यकता है। अगर जल्दी ही बारिश नहीं होती तो कीमतों में अवश्य ही तेजी आएगी। 
व्यापार कम 
हल्दी में हाजिर व्यापार सीमित रह गया है तुरंत की आवश्यकता पूर्ति के लिए ही लिवाली चल रही है। जिस कारण से मांग का अभाव बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि उत्पादक केन्द्रों पर कमजोर बिजाई एवं बिजाई के पश्चात मानसूनी बारिश की कमी होने के कारण गत दिनों अल्पकाल के दौरान ही हल्दी की कीमतें डबल हो गई थी। भाव ऊंचे होने के पश्चात स्टॉकिस्टों की वजह से मुनाफावसूली बढ़ गई साथ ही  उत्पादक केन्द्रों पर बारिश भी हो गई। जिस कारण विगत एक माह के दौरान कीमतों में 25/30 रुपए प्रति किलो की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। 
मंदा तेजी 
हल्दी का मंदा-तेजी अब बारिश के ऊपर निर्भर करेगा। अगर बारिश हो जाती है तो कीमतें सीमित दायरे में बनी रहेंगी। अगर बारिश नहीं होती तो कीमतों में फिर से तेजी बनने लगेगी। अभी तक की स्थिति को देखते हुए संभावना व्यक्त की जा रही है कि अक्टूबर माह में हल्दी की कीमतों में अवश्य ही वृद्धि होगी। क्योंकि इस वर्ष बिजाई कम रहने के अलावा उत्पादक केन्द्रों पर स्टॉक भी कम है जबकि नए मालों की आवक निजामाबाद लाइन पर जनवरी माह में शुरू होगी। अतः नई फसल आने से पूर्व एक बार कीमतों में तेजी संभव है। 
हाजिर बाजार 
गत सप्ताह हाजिर बाजार में हल्दी के भाव मंदे के साथ बोले गए। दिल्ली बाजार में हल्दी इरोड सिंगल पॉलिश गट्ठा का भाव सप्ताह के अंत में 142 रुपए पर बोला गया। जबकि सप्ताह के शुरू में भाव 150 रुपए खुला था। नांदेड में हल्दी फिगर का भाव 115/140 रुपए से मंदे के साथ 112/138 रुपए पर बोला गया। दुग्गीराला के भाव 95/102 रुपए से नरमी के साथ सप्ताह के अंत में 95/100 रुपए पर बोला गए। अच्छी क्वालिटी के मालों की आवक कम होने के कारण इरोड मंडी में फली का भाव 125/127 रुपए से मजबूती के साथ 126/128 रुपए पर बोला गया। जबकि गट्ठा का भाव पूर्व स्तर 118/120 रुपए पर दबा रहा। अन्य उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर मांग का अभाव बना रहने से भाव दबे रहे।  
वायदा बाजार 
चालू सप्ताह में वायदा बाजार में भी हल्दी के भाव मंदे के साथ बोले गए। सप्ताह के शुरू में वायदा अक्टूबर 15680 रुपए खुला था जोकि सप्ताह के अंत में 14350 रुपए पर बंद हुआ। दिसम्बर का वायदा 15820 रुपए खुलने के पश्चात सप्ताह के अंत में 15032 रुपए पर बंद हुआ है। 
धारणा मजबूती की 
व्यापारियों का कहना है कि आगामी दिनों में हल्दी की कीमतें मजबूत रहेगी। क्योंकि उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर हल्दी का स्टॉक खपत की तुलना में कम माना जा रहा। अनुमान लगाया जा रहा है कि नई फसल आने तक हल्दी की खपत लगभग 34/35 लाख बोरी की रहेगी। जबकि वर्तमान में स्टॉक 28/30 लाख बोरी होने के अनुमान लगाये जा रहे हैं।   
निर्यात 
चालू वित्त वर्ष 2023-24 के प्रथम चार माह के दौरान हल्दी के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई है। प्राप्त जानकारों के अनुसार अप्रैल-जुलाई -2022 के दौरान हल्दी का निर्यात 62246 टन का हुआ था जबकि चालू सीजन के अप्रैल-जुलाई - 2023 में निर्यात 71617 टन का किया गया है। वर्ष 2022-23 के दौरान हल्दी का कुल निर्यात 170085 टन का हुआ था। जबकि वर्ष 2021-22 के दौरान निर्यात 152758 टन का रहा था। अभी तक के निर्यात प्रदर्शन को देखते हुए संभावना व्यक्त की जा रही है कि दूसरे वर्ष भी हल्दी का निर्यात बढ़ेगा।