सामान्य से अधिक बारिश होने के बावजूद महाराष्ट्र में खरीफ फसलों की धीमी बिजाई

23-Jun-2025 12:24 PM

पुणे। भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि वर्तमान मानसून सीजन के दौरान महाराष्ट्र में 124.2 मि०मी० बारिश हो चुकी है जो सामान्य औसत 119.2 मि०मी० से करीब 4 प्रतिशत ज्यादा है। लेकिन इसके बावजूद राज्य में खरीफ फसलों की बिजाई की गति धीमी देखी जा रही है।

दरअसल जून के प्रथम हाफ के दौरान मानसून काफी हद तक निष्क्रिय बना रहा और देश के अधिकांश भागों में वर्षा नहीं होने से मौसम शुल्क बना रहा। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई क्योंकि बिजाई की महत्वपूर्ण अवधि के दौरान वर्षा का अभाव होना खरीफ फसलों के लिए घातक साबित हो सकता था। 

मई में देश के अंदर मानसून-पूर्व की भारी वर्षा हुई थी और जून की शुरुआत भी अच्छी बारिश से हुई लेकिन उसके बाद मानसून गायब हो गया। दरअसल महाराष्ट्र में मानसून लम्बे समय तक अहिल्या नगर (अहमदनगर) में रुका और बाद में आगे बढ़ने लगा।

प्राप्त सूचना के अनुसार महाराष्ट्र के 9 जिलों में सामान्य औसत से काफी कम बारिश हुई जबकि छह जिलों में सामान्य औसत से काफी अधिक वर्षा दर्ज की गई।

राज्य कृषि विभाग ने मानसून सीजन के आरंभ में ही किसानों को आगाह किया था कि वे खरीफ फसलों की बिजाई में जल्दबाजी न दिखाए क्योंकि आगे मौसम शुष्क होने पर फसल को भारी नुकसान हो सकता है।

वर्षा की अनिश्चितता को देखते हुए राज्य के कृषि विश्विद्यालयों ने भी किसानों को सुझाव दिया था कि जब भरपूर वर्षा हो जाए और आगे भी बारिश की उम्मीद दिखाई पड़े तभी फसलों की जोरदार खेती आरंभ की जाए। 

राज्य कृषि विभाग की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार 20 जून तक महाराष्ट्र में खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 33.60 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 27.40 लाख हेक्टेयर से अधिक रहा।

हालांकि खरीफ फसलों का क्षेत्रफल लातूर संभाग में बढ़कर 9.04 लाख हेक्टेयर तथा छत्रपति संभाजी नगर डिवीजन में सुधरकर 6.53 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा मगर अन्य संभागों में रकबा पीछे रह गया।

20 जून 2025 तक महाराष्ट्र में 11.54 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन, 11.55 लाख हेक्टेयर में कपास तथा 10.23 लाख हेक्टेयर में दलहन फसलों की बिजाई हो चुकी थी।

मानसून की नियमित बारिश आरंभ होते ही महाराष्ट्र के सभी भागों में खरीफ फसलों की जोरदार बिजाई का सिलसिला आरंभ हो जाने की उम्मीद है।