उत्तर प्रदेश में 10.27 लाख टन से अधिक गेहूं की सरकारी खरीद
23-Jun-2025 03:30 PM

लखनऊ। उत्तर प्रदेश भारत में गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है मगर केन्द्रीय पूल में इस खाद्यान्न का योगदान देने के मामले में पाचंवें नम्बर पर रहता है।
हालांकि सरकार की सक्रियता के कारण चालू वर्ष के दौरान उत्तर प्रदेश में गेहूं की खरीद बढ़कर 10.27 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई लेकिन फिर भी 30 लाख टन के नियत लक्ष्य की तुलना में केवल एक-तिहाई भाग तक ही पहुंच सकी। इससे पूर्व राज्य में 2024 के दौरान 9.31 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार चालू वर्ष के दौरान उत्तर प्रदेश में 5853 क्रय केन्द्रों के माध्यम से दो लाख से अधिक किसानों से 2508.26 करोड़ रुपए मूल्य के 10.27 लाख टन से कुछ अधिक गेहूं की रिकॉर्ड खरीद की गई।
यह खरीद केन्द्र सरकार द्वारा घोषित 2425 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई। गेहूं की खरीद बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास एवं उपाय किए गए।
क्रय केन्द्रों पर खरीद का समय बढ़ाकर सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक यानी 12 घंटे रोजाना नियत किया गया। अवकाश के दिनों में भी खरीद की प्रक्रिया जारी रही और अधिकारियों- कर्मचारियों को सक्रिय रहना पड़ा। घुमन्तु या चलायमान क्रय केन्द्र भी आरंभ किए गए और गांवों में घूम-घूमकर गेहूं खरीदने की कोशिश की गई।
उम्मीद की जा रही थी कि उत्तर प्रदेश में इस बार गेहूं की सरकारी खरीद नियत लक्ष्य के आसपास पहुंच जाएगी क्योंकि एक तो खरीद की प्रक्रिया 17 मार्च से ही आरंभ कर दी गई और दूसरे खरीद अवधि के दौरान गेहूं को राज्य से बाहर भेजने पर रोक लगा दी गई।
व्यापार विश्लेषकों का कहना है कि अगर मध्य प्रदेश एवं राजस्थान की भांति उत्तर प्रदेश में गेहूं की खरीद पर किसानों को अतिरिक्त बोनस देने की घोषणा की जाती तो वहां खरीद का प्रदर्शन बेहतर हो सकता था। फ्लोर मिलर्स एवं व्यापारियों ने किसानों को समर्थन मूल्य से ऊंचा दाम दिया।