सीमा शुल्क में कटौती के बाद खाद्य तेलों की कीमतों में आई नरमी

19-Jun-2025 11:39 AM

नई दिल्ली। सरकारी तौर पर दावा किया गया है कि क्रूड खाद्य तेलों पर मूल आयात शुल्क में भारी कटौती होने के बाद खाद्य तेलों के निर्माण एवं व्यवसाय से जुड़ी अधिकांश कम्पनियों ने अपने उत्पाद के उच्चतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) तथा वितरकों के लिए मूल्य (पीटीडी) को घटाना शुरू कर दिया है। इससे आम उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने 30 मई 2025 को एक अधिसूचना जारी करके क्रूड श्रेणी के पाम तेल, सोयाबीन तेल तथा सूरजमुखी तेल का मौलिक आयात शुल्क को 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत निर्धारित किया था जिससे इस पर कुल प्रभावी सीमा शुल्क भी 27.5 प्रतिशत से घटकर 16.05 प्रतिशत रह गया। दूसरी ओर रिफाइंड खाद्य तेल पर आयात शुल्क 35.75 प्रतिशत के पिछले स्तर पर बरकरार रहा क्योंकि इसमें कोई कटौती नहीं की गई। 

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अधिकांश कंपनियों ने खाद्य तेलों का दाम घटा दिया है जबकि कई अन्य फर्मों ने सरकार को आश्वस्त किया है कि वे अगले कुछ दिनों में कीमत घटाने की कोशिश करेगी।

इन कंपनियों को सस्ते दाम पर विदेशों से क्रूड खाद्य तेलों का आयात करने का अवसर मिल रहा है और इसलिए वह उपभोक्ताओं तक उसका फायदा पहुंचा रही है। 

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में 3.56 प्रतिशत की भारत हिस्सेदारी रखने वाले खाद्य तेल एवं वसा में मई 2025 के दौरान महंगाई की दर बढ़कर 17.91 प्रतिशत पर पहुंच गई जबकि मई 2024 में यह 6.71 प्रतिशत के ऋणात्मक स्तर पर चल रही थी।

समीक्षाधीन अवधि के दौरान खुदरा महंगाई दर सरसों तेल में 19.61 प्रतिशत, रिफाइंड सोयाबीन तेल एवं सूरजमुखी तेल में 24.27 प्रतिशत, नारियल तेल में 78.04 प्रतिशत तथा वनस्पति में 21.32 प्रतिशत दर्ज की गई मगर मूंगफली तेल के दाम में 1.77 प्रतिशत की गिरावट आ गई। 

गत 11 जून को केन्द्रीय खाद्य सचिव के साथ खाद्य तेल उद्योग के प्रमुख संघों- संगठनों एवं मैन्युफैक्चर्स के प्रतिनिधियों की एक महत्वपूर्ण मिटिंग हुई थी जिसमें खाद्य सचिव ने कंपनियों को तत्काल प्रभाव से शुल्क कटौती का लाभ आम उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए कहा था।