पूर्वी एवं पूर्वोत्तर राज्यों में रबी फसलों को बारिश की जरूरत
27-Dec-2024 08:30 PM
पटना । आमतौर पर देश के पूर्वी भाग में फसलों की बिजाई एवं कटाई-तैयारी पश्चिमी तथा पश्चिमोत्तर राज्यों की तुलना में लेट से शुरू होती है।
बिहार में रबी सीजन के दौरान गेहूं की खेती बड़े पैमाने पर होती है जबकि सरसों एवं मसूर सहित अन्य फसलों की बिजाई भी की जाती है।
हालांकि पूर्वी तथा पूर्वोत्तर राज्यों में बांधों-जलाशयों में 14.436 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी का स्टॉक मौजूद है जो उसकी कुल भंडारण क्षमता 20.798 बीसीएम का 69.41 प्रतिशत है
और इससे रबी फसलों की सिंचाई के लिए अच्छी मात्रा में पानी प्राप्त हो सकता है लेकिन बिहार के एकमात्र जलाशय में केवल 33 प्रतिशत पानी बचा हुआ है इसलिए वहां रबी फसलों की सिंचाई में बाधा पड़ने की आशंका है।
कुल भंडारण क्षमता के मुकाबले बांधों-जलाशयों में पानी का स्टॉक त्रिपुरा में 86 प्रतिशत, झारखंड में 75 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल में 74 प्रतिशत तथा उड़ीसा में 70 प्रतिशत बताया जा रहा है
लेकिन नागालैंड में यह 52 प्रतिशत तथा बिहार में 33 प्रतिशत रह गया है। आगामी समय के दौरान जल स्तर में और भी कमी आ सकती है।
पश्चिम बंगाल देश के पांच शीर्ष सरसों उत्पादक राज्यों में शामिल है और वहां मसूर तथा राम तिल का भी अच्छा उत्पादन होता है।
पूर्वी राज्यों में यदि निकट भविष्य में एकाध बारिश हो जाए तो रबी फसलों को काफी राहत मिल सकती है। रबी फसलों की बिजाई अंतिम चरण में पहुंच गई है।