प्रमुख उत्पादक राज्यों में कपास की बिजाई बढ़ने के संकेत

02-Jul-2025 08:19 PM

नई दिल्ली। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में जोरदार बढ़ोत्तरी होने एवं मौसम तथा मानसून की हालत अनुकूल रहने से वर्तमान खरीफ सीजन के दौरान प्रमुख उत्पादक राज्यों में किसान कपास की बिजाई में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं जिससे वहां इसका रकबा बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। इसमें गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान एवं कर्नाटक आदि शामिल हैं।

हालांकि 2024-25 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान उत्पादन घटने के बावजूद कपास का घरेलू बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से काफी नीचे रहा

लेकिन केन्द्रीय कपड़ा मंत्रालय में अधीनस्थ एजेंसी- भारतीय कपास निगम (सीसीआई) किसानों के बचाव में आगे आ गई और उसने एमएसपी पर लगभग 100 लाख गांठ (170 किलो प्रत्येक गांठ) रूई की खरीद करके किसानों को भारी घाटा होने से बचा लिया।

पिछले साल की तुलना में चालू खरीफ सीजन के दौरान कपास का उत्पादन क्षेत्र 30 जून तक गुजरात में 12.73 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 14.00 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 3.75 लाख हेक्टेयर से उछलकर 4.67 लाख हेक्टेयर तथा राजस्थान में 4.31 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 5.89 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है।

हालांकि महाराष्ट्र में कपास का क्षेत्रफल 25.57 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा लेकिन फिर भी गत वर्ष समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 27.64 लाख हेक्टेयर से 2.07 लाख हेक्टेयर पीछे रह गया।  

केन्द्र सरकार ने कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2024-25 की तुलना में 2025-26 सीजन के लिए मीडियम रेशेवाली श्रेणी का 7121 रुपए प्रति क्विंटल से 589 रुपए बढ़ाकर 7710 रुपए प्रति क्विंटल तथा लम्बे रेशेवाली किस्मों का 7521 रुपए प्रति क्विंटल से 587 रुपए बढ़ाकर 8110 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया है।

किसानों को भरोसा है कि अगले मार्केटिंग सीजन में यदि कपास का थोक मंडी भाव घटकर न्यूनतम मूल्य से नीचे आया तो सरकारी एजेंसी एक बार फिर इसकी विशाल खरीद के लिए मार्केट में आ जाएगी।