ओएमएसएस के तहत खाद्यान्न के रिजर्व मूल्य में वृद्धि का निर्णय

30-Jun-2025 11:38 AM

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के अंतर्गत बेचे जाने वाले गेहूं एवं चावल के रिजर्व मूल्य में बढ़ोत्तरी करने का निर्णय लिया है। इसमें वह टुकड़ा चावल भी शामिल है जिसकी बिक्री एथनॉल निर्माण के लिए डिस्टीलरीज को की जाती है।

26 जून को सचिवों की समिति की एक महत्वपूर्ण मीटिंग हुई थी जिसमें ओएमएसएस के माध्यम से बेचे जाने वाले मोटे अनाजों के लिए भी रिजर्व (आरक्षित) मूल्य का निर्धारण किया गया जो 30 जून 2026 तक मान्य रहेगा।

इसके अलावा खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग खाद्यान्न के आरक्षित मूल्य से अलग परिवहन खर्च भी जोड़ सकता है। इससे अनाज का मूल्य ऊंचा होने की संभावना बढ़ जाएगी। 

केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के एक कार्यालयी ज्ञापन के अनुसार ओएमएसएस के तहत बेचे जाने वाली सभी फसल वर्षों के गेहूं का आरक्षित मूल्य 2550 रुपए प्रति क्विंटल होगा जिसमें चालू वर्ष के दौरान खरीदे गए गेहूं का स्टॉक भी शामिल है।

मालूम हो कि पिछली बार ओएमएसएस के अंतर्गत बेचे जाने वाले गेहूं का न्यूनतम आरक्षित मूल्य सामान्य औसत क्वालिटी (एफएक्यू) के लिए 2325 रुपए प्रति क्विंटल तथा यूआरएस के लिए 2300 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया था। 

लेकिन यह आरक्षित मूल्य तभी लागू होगा जब सरकार खुले बाजार बिक्री योजना को आरंभ करने की घोषणा करेगी। चावल के लिए नया आरक्षित मूल्य 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होने की संभावना है।

दिलचस्प तथ्य यह है कि वर्तमान समय में प्रचलित मूल्य 31 अक्टूबर तक वैध रखने का निर्णय लिया गया था। सरकार का कहना है कि केन्द्रीय पूल में गेहूं एवं चावल का पर्याप्त भंडार मौजूदा है इसलिए ओएमएसएस के माध्यम से इसकी बिक्री शुरू करने में कोई कठिनाई नहीं होगी लेकिन खाद्यान्न का लागत खर्च ऊंचा होने से आरक्षित मूल्य बढ़ाना आवश्यक हो गया। 

उपलब्ध आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 1 जून 2025 को केन्द्रीय पूल में 379.90 लाख टन चावल का प्रत्यक्ष स्टॉक और 216 लाख टन चावल के समतुल्य 322.50 लाख टन धान का स्टॉक मौजूद था। इसके अलावा सरकारी गोदामों में 369.20 लाख टन गेहूं तथा 4.60 लाख टन मोटे अनाजों का स्टॉक भी उपलब्ध था। 

जहां तक चावल का सवाल है तो सीधे राज्य सरकारों, प्रांतीय निगमों तथा सामुदायिक किचन को बिक्री के लिए इसका न्यूनतम आरक्षित मूल्य 2250 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2320 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है और इसकी बिक्री की अधिकतम मात्रा 32 लाख टन निर्धारित की गई है।