मध्य-पश्चिमी भाग में बाढ़-वर्षा से खरीफ फसलों को क्षति की आशंका

05-Sep-2024 11:01 AM

नई दिल्ली । देश के मध्यवर्ती एवं पश्चिमी भाग में दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता बरकरार रहने से मूसलाधार वर्षा का दौर जारी है जिससे अनेक इलाकों में बाढ़ एवं जल भराव का गंभीर संकट देखा जा रहा है।

खेतों में लम्बे समय से पानी जमा रहने के कारण विभिन्न खरीफ फसलों को भारी क्षति हो रही है। इसमें दलहन, तिलहन एवं कपास की फसल मुख्य रूप से शामिल है।

मध्य प्रदेश एवं तेलंगाना में बाढ़-वर्षा से हाहाकार मचा हुआ है। राजस्थान के कई जिलों में बारिश हो रही है जिससे स्थिति आगे और बिगड़ने की आशंका है। 

उपरोक्त पांचों राज्यों में खरीफ फसलों की बिजाई अंतिम चरण में पहुंच गई है और जून के दूसरे-तीसरे सप्ताह में बोई गई फसल अब दाना लगने एवं परिपक्व होने के चरण में है।

उड़द, मूंग एवं सोयाबीन की अगैती बिजाई वाली फसल की कटाई-तैयारी अगले दो-तीन सप्ताहों में आरंभ होने वाली है और ऐसे समय में बाढ़-वर्षा के प्रकोप से उसकी उपज दर एवं क्वालिटी बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।

यही स्थिति कमोबेश कपास की भी है। बाढ़ का पानी उतरने में लम्बा समय लग सकता है क्योंकि वर्षा का दौर अभी जारी है। 

मौसम विभाग के मुताबिक विदर्भ संभाग के ऊपर कम दाब का जो क्षेत्र बना हुआ था उससे बारिश की तीव्रता बढ़ने की आशंका है।

हालांकि यह दाब आंध्र प्रदेश तथा उड़ीसा तट के पास बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनने वाले कम दाब के क्षेत्र को कुछ दिनों तक आगे बढ़ने से रोक सकता है मगर 10 सितम्बर के बाद इसकी तीव्रता बढ़ जाने की संभावना है।

सितम्बर में देश के कई भागों में भारी वर्षा होने का अनुमान लगाया गया है जो अगैती बिजाई वाली खरीफ फसलों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।