महाराष्ट्र में बारिश की कमी से अनेक फसलों का उत्पादन घटने की आशंका

22-Nov-2023 06:34 PM

मुम्बई । देश के एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक राज्य- महाराष्ट्र में चालू वर्ष के दौरान वर्षा कम होने तथा मौसम शुष्क एवं गर्म रहने से विभिन्न फसलों के उत्पादन में गिरावट आने की आशंका है।

मालूम हो कि खरीफ सीजन के दौरान वहां अरहर (तुवर), सोयाबीन, गन्ना एवं कपास आदि फसलों का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। वह प्याज का भी एक अग्रणी उत्पादक राज्य है जबकि फलों एवं सब्जियों के उत्पादन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। 

महाराष्ट्र में वर्षा की कमी से न केवल खरीफ फसलों को काफी क्षति हुई है बल्कि बांधों-जलाशयों में पानी का स्तर भी घटकर काफी नीचे आ गया है।

पिछले साल की तुलना में वहां 20 प्रतिशत कम पानी का भंडार मौजूद है जिससे रबी फसलों की बिजाई एवं प्रगति पर असर पड़ सकता है। प्याज का क्षेत्रफल घटने की संभावना है।

तुवर एवं चीनी के उत्पादन में गिरावट आने के संकेत पहले ही मिल चुके हैं जबकि मौजूदा रबी सीजन में गेहूं एवं चना की बिजाई घटने की संभावना है।

बांगानेर के एक बीज डीलर का कहना है कि पिछले 6-7 साल में यह पहला अवसर है जब उसे कंपनियों के अधिकांश ब्रांडों के आधे प्याज बीज को वापस करने के लिए विवश होना पड़ा क्योंकि किसानों ने प्याज का रकबा घटा दिया है। 

मौसम विभाग के अनुसार यद्यपि इस वर्ष मानसून सीजन के दौरान महाराष्ट्र में कुल मिलाकर सामान्य बारिश हुई लेकिन राज्य के कई भागों में इसकी भारी कमी महसूस की गई।

इसमें मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र एवं उत्तरी महाराष्ट्र शामिल है। रबी सीजन के लिए 1 अक्टूबर से 15 नवम्बर तक वहां वर्षा में भारी गिरावट दर्ज की गई। 

तुवर का उत्पादन दोनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- महाराष्ट्र एवं कर्नाटक में घटने की संभावना है जबकि वहां चना का उत्पादन भी रबी सीजन में घट सकता है। चना के बिजाई क्षेत्र में 10-15 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका व्यक्त की जा रही है।