लालमिर्च का निर्यात प्रदर्शन संतोषजनक नहीं

18-Oct-2024 06:31 PM

हैदराबाद । भारत से निर्यात होने वाले मसालों एवं मसाला उत्पादों में मात्रा तथा आमदनी की दृष्टि से लालमिर्च का पहला स्थान रहता है। पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान इसका निर्यात प्रदर्शन काफी कमजोर चल रहा है।

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वर्तमान वित्त वर्ष के शुरूआती चार महीनों में यानी अप्रैल-जुलाई 2024 के दौरान देश से लालमिर्च का कुल निर्यात 97,282 टन पर सिमट गया जो पिछले साल की समान अवधि के शिपमेंट 1,29,714 टन से 32,432 टन कम रहा।

इसके तहत इसका निर्यात अप्रैल में 43,656 टन से लुढ़ककर 31,468 टन, मई में 38,712 टन से घटकर 21,180 टन, जून में 21,477 टन से फिसलकर 20,675 टन तथा जुलाई में निर्यात 25,869 टन से गिरकर 23,959 टन रह गया।

वित्त वर्ष 2023-24 के शेष महीनों में भी लालमिर्च की अच्छी मात्रा का शिपमेंट हुआ था जिससे इसक सकल निर्यात बढ़कर 4,25,425 टन की ऊंचाई पर पहुंच गया। 

प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान अगस्त 2023 में 21,721 टन, सितम्बर में 18,483 टन, अक्टूबर में 25,427 टन, नवम्बर में 23,872 टन तथा दिसम्बर 2023 में 26,886 टन लालमिर्च का निर्यात हुआ था जबकि इसकी मात्रा जनवरी 2024 में 30,862 टन, फरवरी में 63,231 टन तथा मार्च 2024 में 85,230 टन दर्ज की गई थी। 

भारत दुनिया में लालमिर्च का अग्रणी उत्पादक एवं निर्यातक देश है। इसके नए माल की आवक जनवरी फरवरी से शुरू हो जाती है और वर्ष की पहली तिमाही के दौरान देश से इसका शानदार निर्यात होता है।

कमोबेश मई तक इसका निर्यात प्रदर्शन बेहतर रहता और इसके बाद इसमें कमी आने लगती है। चीन, बांग्ला देश एवं मलेशिया सहित कई अन्य देशों में विशाल मात्रा में भारतीय लालमिर्च का निर्यात किया जाता है।

तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक तथा मध्य प्रदेश इसके प्रमुख उत्पादक राज्य हैं। इस वर्ष फसल की बिजाई तो लगभग सामान्य रही है अगर प्रमुख उत्पादक इलाकों में मौसम एवं मानसून की हालत पूरी तरह अनुकूल नहीं देखी गई।